आर्थिक मंदी के समय माना जाता है कि लोग अपनी नकदी अपने पास रखें, लेकिन अगर ऐसे समय में निवेश की जरूरत हो तो सबसे उपयुक्त माध्यम में बहुत ठोंक बजाकर निवेश की दरकार होती है. हाल ही में कई बैंकों की विफलताएं, बढ़ता इन्फ्लेशन, ब्याज दरों में वृद्धि, और शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण आर्थिक मंदी का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. भारत का बाजार फिलहाल बढ़त पर है लेकिन विदेशों के बाजार में उठा-पठक जारी है.
अगर आप भी इस वक्त निवेश करना चाहते हैं तो कई चीजें हैं जिसका आपको ध्यान रखने की जरूरत है. मंदी के दौरान निवेश करने से पहले यह सोचने की जरूरत है कि आप क्या हासिल करना चाहते हैं? क्या आप उथल-पुथल के स्थितियों में कम से कम जोखिम लेना चाहते हैं? या कीमतें को कम होने के कारण इस वक्त ज्यादा से ज्यादा स्टॉक अपने पोर्टफोलियो में रखना चाहते हैं.
यहां निवेश से बचें
मंदी के समय प्रॉपर्टी में निवेश करने से बचना चाहिए क्योंकि खरीददार के पास प्रॉपर्टी खरीदने के लिए रकम उपलब्ध नहीं होती. अत: प्रॉपर्टी के दामों के कम बने रहने की संभावना रहती है. सरकार ने काले धन पर शिकंजा कसने की कोशिश की है. प्रॉपर्टी मॉर्केट काले धन से ही दौड़ता था इसलिए भी इसके मंद बने रहने की संभावना है.
कैश रखने से बचें
आर्थिक मंदी के दौर में कैश रखने से बचना चाहिए. इसके दो कारण हैं. पहला यह कि नगद का संग्रह खतरनाक है. दूसरा यह कि मुद्रा का अवमूल्यन निरंतर होता रहता है, जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था में महंगाई बढ़ती जाती है.