नई दिल्ली। देश में आज आधी रात से माल और सेवाकर (जीएसटी) लागू हो गया है। इसके साथ ही भारत दुनिया के उन कुछ गिने-चुने देशों में शामिल हो गया है जिनमें राष्ट्रीय स्तर पर एक बिक्री कर लागू है। जीएसटी को आजादी के बाद देश का सबसे बड़ा कर सुधार माना जा रहा है। इसके साथ ही केंद्र और राज्यों के स्तर पर लगने वाले एक दर्जन से अधिक कर समाप्त हो जाएंगे और उनके स्थान में केवल जीएसटी लगेगा। जीएसटी की शरुआत के मौके पर संसद के सेंट्रेल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली मंच पर उपस्थित थे। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस कार्यक्रम से दूर रही। कांग्रेस ने जीएसटी की शुरुआत के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम को ‘तमाशा’ करार दिया था। कांग्रेस के इसी बहिष्कार के चलते पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इस कार्यक्रम से दूर रहे। तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, डीएमके और वामपंथी दलों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया। हालांकि, राष्ट्रवादी कांग्रेस, जनता दल-यू और जनता दल-सेक्युलर ने विपक्षी एकता में सेंध लगाते हुए कार्यक्रम में भाग लिया। जीएसटी से देश की 2,000 अरब की अर्थव्यवस्था और 1.3 अरब लोग सभी एक साथ जुड़ जाएंगे और पूरा देश एक साझा बाजार बन जाएगा। इस समूची प्रक्रिया को पूरा होने में 17 सालों का लंबा समय लगा है। जीएसटी से वर्तमान बहुस्तरीय कर व्यवस्था समाप्त होगी और टैक्स के ऊपर कर लगने से माल की लागत पर बढ़ने वाला बोझ भी समाप्त होगा। जीएसटी को कारोबार सुगमता की दिशा में एक बडा कदम बताया जा रहा है।