जल्दी, भारत में 24×7 वर्चुअल अदालत लगेगी, जहां पर ट्रैफिक चालान के अलावा भी कई मामलों का निपटारा किया जा सकेगा. वर्तमान में यह वर्चुअल अदालत केवल ट्रैफिक चालान का मामला ही देखती है. अब विधि मंत्रालय ने इस विषय पर व्यापक शोध अध्ययन के लिए न्यायिक अकादमियों, कानून विश्वविद्यालयों, आईआईएम और आईआईटी से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं.
इस मामले में कानून मंत्रालय का कहना है कि प्रस्ताव मंगाने का मकसद, अदालत में वकीलों और उल्लघंनकर्ताओं की मौजूदगी को खत्म करना है ताकि अदालत में आने वालों की भीड़ को कम किया जा सके. इससे जुडे प्रस्ताव को 1 अगस्त तक जमा किया जा सकता है.
वर्चुअल अदालत में वर्चुअल जज
खास बात यह है कि वर्चुअल अदालत को वर्चुअल जजों द्वारा ही संभाला जाएगा, मंत्रालय के मुताबिक इनका अधिकार क्षेत्र पूरे राज्य तक बढ़ाया जा सकता है और 24/7 काम होगा. इस तरह किसी भी मामले की सुनवाई के लिए ना तो वादी को अदालत में उपस्थित होने की ज़रूरत होगी और ना ही जज को शारीरिक रूप से अदालत की अध्यक्षता करनी होगी. इस तरह से अदालत का कीमती समय भी बचेगा.
संस्थान प्रस्तुत करेंगे वर्चुअल अदालत का कॉन्सेप्ट
अनुसंधान कार्यक्रम के लिए, कानून मंत्रालय अक्सर शोध अध्ययन करवाता है, जिसमें न्याय प्रदान करने संबंधी बातों के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों को शामिल किया जाता है. जिन संस्थानों को इस परियोजना से जोड़ा जाएगा, उन्हें व्यापक शोध अध्ययनों के आधार पर “अभिनव सुझाव और अपने कॉन्सेप्ट से जुड़ी सटीक जानकारियों को प्रस्तुत करना होगा. जिसको आधार बनाकर वर्चुअल अदालतों के जरिए अन्य प्रकार के मामलों की सुनवाई की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकेगा.
अब तक हुई 2.4 करोड़ मामलों की सुनवाई
वर्तमान में 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 21 आभासी अदालतें हैं. ये सभी ट्रैफिक चालान के मामलों का निपटारा करते है. मंत्रालय के मुताबिक, “अब तक 2.4 करोड़ से अधिक मामलों पर सुनवाई हुई है और 33 लाख से अधिक मामलों में 360 करोड़ रुपये से अधिक का ऑनलाइन जुर्माना वसूला गया है.”