आमतौर पर हमें ऐसी खबरें पढ़ने को मिलती है कि पत्नी को पति परेशान कर रहा है. या फिर ससुराल वाले पत्नी को दहेज़ या फिर किसी और चीज़ के लिए प्रताड़ित कर रहे हैं. ऐसे मामलों में पत्नी तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी देती है. लेकिन पंजाब और हरियाणा हाई हार्ट (Punjab and Haryana High Court) में एक थोड़ा अलग मामला सामने आया है. यहां पति ने ही पत्नी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया. फैमली कोर्ट ने पति को तलाक लेने का आदेश दिया तो पत्नी ने इस पर रोक लगाने के लिए हाई कोर्ट में चुनौती दे डाली. लेकिन उनकी अर्जी को खारिज करते हुए पति को तलाक लेने की इजाजत दे दी है.
हिंदी अखबार अमर उजाला के मुताबिक पत्नी के अत्याचार से परेशान व्यक्ति ने हिसार की फैमिली कोर्ट में एक याचिका दाखिल की. उन्होंने याचिका में कहा कि उनकी शादी अप्रैल 2012 में हुई थी. और वो 50 फीसदी विकलांग है. उसकी पत्नी का उसके और परिवार के खिलाफ बेहद खराब व्यवहार है. वो उन्हें परेशान करती है. शादी के बाद से ही हालात बिगड़ने लगे. याचिका के मुताबिक पति को उम्मीद थी कि भविष्य में बीवी का बर्ताव बदल जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
तलाक को मंजूरी
हिसार की फैमिली कोर्ट ने पत्नी के व्यवहार को खराब माना. साथ ही कोर्ट ने दोनों के तलाक को मंजूरी भी दे दी. लेकिन पत्नी इस फैसले से खुश नहीं थी. लिहाज़ा इस फैसले को पत्नी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. लेकिन अब हाई कोर्ट ने उनकी इस चुनौती को खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने अब हिसार की फैमिली कोर्ट के आदेश पर मुहर लगा दी है. यानी पति अब अरनी पत्नी से तलाक ले सकता है.
ले सकता है तलाक़
कोर्ट में पति ने कहा कि उसकी पत्नी काफी ज्यादा खर्चीली और गर्म स्वभाव की है. फैमिली कोर्ट का फैसला आने के बाद भी उनके स्वभाव में कोई बदलाव नहीं दिखा. पति ने कोर्ट में ये भी कहा कि पत्नी कई बार दहेज और घरेलू हिंसा से जुड़ी कई शिकायतें कर चुकी हैं. हाईकोर्ट ने पत्नी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि अगर वो अपने पति और उनके परिवार को अपमानित करती है तो पति उससे तलाक़ ले सकता है.