अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) सरकार बन चुकी है. इस बीच पहले खबर आई थी कि पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) में तालिबान के कथित तौर पर कब्जे के बाद नॉर्दन अलायंस की अगुवाई कर रहे अहमद मसूद (Ahmed Massoud) और अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) ताजिकिस्तान चले गए हैं. मगर अब दोनों के पंजशीर में ही रहने की खबर आ रही है.
न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, ताजिकिस्तान के राजनयिक राजदूत ज़हीर अघबर ने बताया है कि पंजशीर नेता अहमद मसूद और अमरुल्ला सालेह अब भी अफगानिस्तान में मौजूद हैं. पंजशीर के लड़ाके अभी भी तालिबान से लड़ रहे हैं. अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार में ताजिकिस्तान में राजदूत ज़हीर अघबर ने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में एक संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कही. उन्होंने कहा कि वह सालेह के साथ नियमित संपर्क में थे और सुरक्षा कारणों से प्रतिरोध के नेता सामान्य संचार से बाहर हो गए हैं.
इससे पहले रेजिस्टेंस फोर्सेज ने पंजशीर नेता अहमद मसूद को सुरक्षित बताया था. नेशनल रेजिस्टेंस फोर्सेज के प्रवक्ता अली नजरी ने कहा कि मसूद जल्द ही अपना बयान जारी करेंगे. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मेरे लीडर और भाई अहमद मसूद सुरक्षित हैं और जल्द ही अपने लोगों के लिए संदेश जारी करेंगे.’ बाद में अहमद मसूद ने भी ट्वीट कर खुद के सुरक्षित होने की बात कही. मसूद ने लिखा है, ‘आई एम सेफ मेट, डोंट वरी.’ इसके बाद मसूद ने आंसू वाली इमोजी लगाई है.
तालिबान ने ताजिकिस्तान से सप्लाई कर दी बंद
तालिबान ने इस बार ताजिकिस्तान की सप्लाई लाइन बंद कर दी है. 1990 में जब तालिबान अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर काबिज हो गया था, तब भी ताजिकिस्तान से पंजशीर घाटी के लिए सप्लाई लाइन को चालू रखा गया था. मगर इस बार ऐसा नहीं किया गया. इसके नतीजे के रूप में घाटी में मौजूद नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट (NRF) को खाने और ईंधन के अलावा हथियार और गोला-बारूद की सप्लाई नहीं हो पा रही है.
इंटरनेट और टेलिफोन की लाइंस भी ठप
इसके अलावा पंजशीर में तालिबान ने इंटरनेट और टेलिफोन की लाइंस काट दी हैं. ऐसे में सही जानकारी सामने नहीं आ रही. नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट (NRF) घाटी से बाहर से किसी तरह की सूचना नहीं भेज पा रहे हैं. मीडिया ब्लैकआउट के चलते तालिबान के साथ चल रही जंग को लेकर बाहर आ रही सूचनाएं एकतरफा हैं.