टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारतीय मेंस हॉकी टीम (Indian Mens Hockey Team) ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा. तीसरे स्थान के मुकाबले में भारत ने जर्मनी को 5-4 से शिकस्त दी. यह 41 साल बाद हॉकी में भारत का पहला ओलंपिक मेडल है. हॉकी टीम ने पिछली बार 1980 में मेडल जीता. तब टीम को गोल्ड मेडल मिला था. यह ओवरऑल ओलंपिक इतिहास में हॉकी का हमारा 12वां मेडल है. टीम की इस जीत से पूरा देश खुश है.
मैच के खत्म होने के कुछ मिनटों बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी भारतीय हॉकी टीम को ट्वीट कर जीत की बधाई दी. उन्होंने लिखा कि हमारी मेंस हॉकी टीम को ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर बधाई. इस उपलब्धि के साथ उन्होंने पूरे देश का दिल जीत लिया है. खासतौर पर युवा इससे प्रभावित होंगे. देश को अपनी हॉकी टीम पर गर्व है.
एक समय भारतीय टीम मैच में 1-3 से पीछे थी. इसके बाद टीम ने शानदार वापसी करते हुए मुकाबला जीत लिया. मुकाबले में जर्मनी ने बेहद आक्रामक शुरुआत की. दूसरे मिनट में ही जर्मनी के उरुज ने गोल कर टीम को 1-0 की बढ़त दिलाई. पहले क्वार्टर तक जर्मनी की टीम 1-0 से आगे थी. 17वें मिनट में सिमरनजीत सिंह ने गोल करके स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया. इसके बाद जर्मनी ने दो और गोल करके 3-1 की बढ़त हासिल की.
भारत ने दो गोल से पिछड़ने के बाद वापसी की
दो गोल से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम ने अच्छी वापसी की और दो मिनट के भीतर दो और गोल करके मैच 3-3 से बराबर कर दिया. तीसरे क्वार्टर में भी भारतीय टीम ने हमले जारी रखे. 31वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर रूपिंदर पाल सिंह ने गोल करके स्कोर 4-3 कर दिया. 34वें मिनट में सिमरनजीत ने अपना दूसरा गोल कर स्कोर 5-3 कर दिया. मैच के अंतिम क्वार्टर में भारत और जर्मनी दोनों ने हमले किए. 48वें मिनट में लुका विनफेडर ने गोल करके स्कोर 4-5 कर दिया. हालांकि इसके बाद दोनों ही टीमें गोल नहीं कर सकीं और भारत ने मुकाबला 5-4 से अपने नाम कर लिया.
ओलंपिक में भारत का हॉकी में 12वां मेडल
ओलंपिक के इतिहास की बात की जाए तो भारत ने 12वां मेडल जीता. इससे पहले टीम ने 1928, 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1964 और 1980 में गोल्ड मेडल जीता है.