छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) के निर्देश के बाद चिटफंड कंपनियों के जाल में फंस कर अपनी गाढ़ी कमाई लुटा चुके लोगों को उनके रुपए वापस कराने की कवायद लगातार की जा रही है. वहीं अपने रुपए वापस लेने की चाह में सुबह से ही तहसील कार्यालय में सैकड़ों की संख्या में लोग लम्बी कतार में नज़र आ रहे हैं. राज्य शासन ने अपने घोषणापत्र के वादे के अनुसार रुपए वापस करने की कवायद शुरू की है. बीते वर्ष धनतेरस के दिन राज्य शासन ने कई निवेशकों के पैसे वापस कराए थे,वहीं अब एक बार फिर बचे हुए निवेशक को से दस्तावेज आमंत्रित कर उनके पैसे लौटाने की कवायद की जा रही है,जिसके लिए दस्तावेज जमा करने बीते बुधवार को सैकड़ों की संख्या तहसील कार्यालय परिसर पर लोग उमड़े.
यहां घंटों लोगों की लंबी कतारें लगी रही. चिटफंड कंपनी के निवेशकों को पैसे लौटाने के मामले को लेकर राजनंदगांव कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने कहा कि शासन के निर्देश के बाद चिटफंड कंपनियों में अपने पैसे गंवा चुके लोगों के रुपए लौटाने का सिलसिला शुरू किया गया है. वहीं चिटफंड कंपनियों के संपत्ति कुर्क कर निवेशकों के पैसे लौटाए जा रहे हैं.
अरबों रुपये लुटाए
चिटफंड कंपनियों के द्वारा निवेशकों को उनके रुपए दोगुने करके देने का झांसा दिया गया था. चिटफंड कंपनियों के जाल में फंस कर राजनांदगांव जिले के हजारों लोगों ने अपने अरबों रुपए लुटा दिए. किसी ने 1 लाख निवेश किया तो किसी ने 10 लाख निवेश किए, लेकिन मेच्योरिटी पूरी होने के बाद भी ना उन्हें डबल रकम मिली और ना उनकी मूल रकम अदा हुई. ऐसे में निवेशकों ने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, न्यायालय और राज्य सरकार का दरवाजा खटखटाया और न्याय की मांग की. निवेशकों को उनके पैसे लौटाने राज्य शासन के आदेश के बाद निवेशकों को उनके रुपए मिलने की उम्मीद जगी. बड़ी संख्या में तहसील कार्यालय पहुंचे निवेशकों ने कहा कि वह अपने परिचय एजेंटों के माध्यम से चिटफंड कंपनियों में निवेश किए थे. उन्हें रूपये दोगुने होने का लालच दिया गया था. दस्तावेज जमा करने को लेकर प्रशासन ने 6 तारीख तक का समय निवेशकों को दिया है.