भगवान जगन्नाथ की पुरी रथ यात्रा (Puri Rath Yatra) कल यानी कि 12 जुलाई, सोमवार की सुबह निकाली जाएगी, उड़ीसा का जगन्नाथ पुरी धाम भारत में ही नहीं, बल्कि विश्वभर में प्रसिद्ध है. खासतौर से इस धाम में हर साल करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु दूर-दूर से भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने व उनकी इस लोकप्रिय रथयात्रा का हिस्सा बनने आते हैं. माना जाता है कि यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ का विशाल रथ खींचना, उनके भक्तों को सौभाग्य देता है. लेकिन कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के कारण, इस बार ये यात्रा सूक्ष्म रूप से निकाली जाएगी.
जगन्नाथ रथ यात्रा दस दिन तक चलती है:
हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को ही भव्य उत्साह के साथ जगन्नाथ रथ यात्रा निकाले जाने का विधान है. इस वर्ष 2021 में यह पावन यात्रा 12 जुलाई, सोमवार से आरंभ होगी और इसका समापन 20 जुलाई, मंगलवार को देवशयनी एकादशी के पर्व के साथ ही पूरे विधि-विधान अनुसार किया जाएगा. हालांकि इस दौरान भगवान की यात्रा के लिए रथ बनाने के कार्य का आरंभ अक्षय तृतीया यानी 15 मई 2021 से ही चल रहा है. भगवान जगन्नाथ की ये यात्रा लगभग दस दिनों तक चलती है, जिसमें प्रथम दिन भगवान जगन्नाथ को गुंडिचा माता के मंदिर लेकर जाया जाता है.
कोरोना काल में कुछ ऐसी होगी जगन्नाथ रथ यात्रा
21 दिवसीय इस पर्व पर इस वर्ष कोरोना संक्रमण को देखकर प्रशासन द्वारा कई पाबंदियां लगा दी गई है. भीड़ को रोका जा सके, इसलिए जगन्नाथ मंदिर के आस-पास धारा 144 लगा दी गई है. वर्ष 2020 की ही तरह इस वर्ष भी जगन्नाथ रथयात्रा बिना दर्शनार्थियों के ही, पुजारियों, पुरोहितों और सेवकों द्वारा निकाली जाएगी. यात्रा में शामिल होने वाले हर व्यक्ति को कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करना होगा, जिसमें कोरोना टीके की दोनों डोज, फेस मास्क, सेनिटेशन और हाथ धोने के उपयोग और सामाजिक दूरी बनाए रखना शामिल होगा. इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि जितने भक्तों की भीड़ कोरोना काल से पहले भगवान जगन्नाथ की यात्रा में देखने को मिलती थी, इस वर्ष वैसा नज़ारा नहीं दिखाई देगा