प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल को पुनर्गठित करने के लिए एक महीने से भी ज्यादा का समय लिया. इस दौरान न केवल सावधानीपूर्वक सही विकल्पों की तलाश की गई बल्कि ऐसे चेहरों का चुनाव किया गया जो मोदी सरकार को पहले से ज्यादा मजबूत कर सकें. मोदी कैबिनेट में जिन नए चेहरों को जगह मिली है उन पर अगर नजर दौड़ाएं तो उनकी क्षमता और मंत्रालय की जिम्मेदारी काफी मेल खाती है. पीएम मोदी की कोशिश है कि कैबिनेट ऐसी हो जो सरकार के साथ बेहतर तालमेल बनाए और उनके विजन को पूरा करने में तेजी से कदम बढ़ाए.
मोदी कैबिनेट में अश्विनी वैष्णव को रेलवे के अलावा आईटी और संचार मंत्रालय का कार्यभार भी सौंपा गया है. वैष्णव ने साल 2008 में व्हार्टन स्कूल, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से एमबीए किया. इससे पहले वैष्णव ने साल 1994 में आईआईटी कानपुर से इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट इंजीनियरिंग में एमटेक किया था. वैष्णव जीई ट्रांसपोर्टेशन के प्रबंध निदेशक, लोकोमोटिव के उपाध्यक्ष और सीमेंस में अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर स्ट्रैटेजी के प्रमुख रह चुके हैं. अश्विनी वैष्णव अपने साथ एक आईएएस अधिकारी के रूप में 15 वर्षों से अधिक का समृद्ध प्रशासनिक अनुभव भी लेकर आए हैं. रेलवे पीएम मोदी के लिए एक और प्राथमिकता वाला क्षेत्र है. यात्री सुरक्षा और सुविधा के लिए प्रभावी तकनीकी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए वैष्णव को ये जिम्मेदारी दी गई है.
सरकारी सूत्रों ने कहा कि स्वास्थ्य और रसायन और उर्वरक मंत्रालय, जो फार्मा से संबंधित है, दोनों को मनसुख मंडाविया को सौंपा गया है. सरकार की कोशिश है कि कोरोना महामारी के दौर में दोनों मंत्रालयों के बीच तालमेल बिठाया जा सके. मंडाविया पहले से ही राज्य मंत्री के रूप में कोविड टीम के साथ जुड़े रहे हैं. उनके इस काम को आसान बनाने के लिए महाराष्ट्र की सांसद भारती प्रवीण पवार को दिया गया है. भारती प्रवीण पवार एक प्रैक्टिसिंग डॉक्टर हैं. सरकारी सूत्रों ने कहा कि कुपोषण और स्वच्छ पेयजल से लड़ने में उनका काफी अच्छा अनुभव रहा है.
इसी तरह, शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्रालयों की जिम्मेदारी धर्मेंद्र प्रधान को दी गई है. सूत्रों के मुताबिक धर्मेंद्र प्रधान को इस काम की जिम्मेदारी इसलिए की गई है क्योंकि उनकी छवि पीएमओ में उन नेताओं में है जो अपना कोई भी काम काफी मेहनत से करते हैं. जी किशन रेड्डी को संस्कृति मंत्री पर्यटन मंत्री और पूर्वोत्तर विकास मंत्री बनाया गया है जबकि वाणिज्य, उपभोक्ता मामले और कपड़ा उद्योग में बड़े रोजगार पैदा करने वाले मंत्रालयों के बीच तालमेल लाने के लिए पीयूष गोयल को लगाया गया है. प्रह्लाद जोशी को संसदीय कार्य मंत्री, कोयला मंत्री और खनन मंत्री बनाया गया है.
स्वास्थ्य, शिक्षा, अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी जैसे राष्ट्रीय प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया गया है. विदेश मंत्रालय में अब दो और राज्य मंत्रियों को जगह दी गई है, जिसके बाद अब एस जयशंकर (गुजरात से सांसद) के कुल डिप्टी मंत्रियों की संख्या तीन हो गई है. मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में मीनाक्षी लेखी (दिल्ली से सांसद) और राजकुमार रंजन सिंह (मणिपुर से सांसद) को विदेश मंत्रालय में शामिल किया गया है. वहीं वी मुरलीधरन जो कि केरल से सांसद हैं, पहले से ही विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं.