उत्तर प्रदेश के उन्नाव (Unnao) बीडीसी पति के अपहरण (Kidnaping Case) के आरोपी भूपेंद्र सिंह को बीजेपी ने ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी घोषित किया है. एक तरफ पुलिस का दावा है कि आरोपी की गिरफ्तारी को पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं, वहीं आज आरोपी ने पुलिस की निगरानी में ही खुलेआम नामांकन पत्र दाखिल कर दावे की पोल खोल दी है. फिलहाल पुलिस अधिकारी मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. वहीं बीजेपी जिलाध्यक्ष का कहना है कि जो आरोप लगे हैं, विपक्ष की साजिश है. प्रत्याशी साफ-सुथरा है.
बता दें कि हसनगंज कोतवाली क्षेत्र के ताला सराय की निर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्य पूनम देवी ने 6 जुलाई को हसनगंज कोतवाली में तहरीर देकर आरोप लगाया कि औरास ब्लॉक क्षेत्र के गेरुवा निवासी भूपेंद्र सिंह 15 से 20 अज्ञात लोगों के साथ घर पर आए और दरवाजा खुलवाया. जैसे ही उसके पति राज कुमार राठौर ने दरवाजा खोला तो पति को हाथ पकड़कर बाहर खींच लिया और लात-घूसों से मारपीट करते हुए खींचकर ले जाने लगे. विरोध करने पर इन लोगों ने तीन-चार हवाई फायरिंग करते हुए गाड़ी से उनके पति का अपहरण कर ले गए. हवाई फायरिंग होने से गांव में दहशत का माहौल हो गया.
सूचना मिलते ही हसनगंज और औरास पुलिस हरकत में आ गई. मंगलवार तड़के पुलिस ने क्षेत्र पंचायत सदस्य के पति को बरामद कर लिया. पीड़ित की पत्नी पूनम ने कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की. अपहरण करने वाले भूपेंद्र सिंह औरास ब्लॉक से बीजेपी समर्थित ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी हैं. पत्नी की तहरीर पर भूपेंद्र सिंह व अन्य 15 से 20 अज्ञात लोगों पर अपहरण सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
सीओ हसनगंज आरके शुक्ला ने बुधवार को दावा किया कि मुकदमा दर्ज किया गया है, आरोपी की तलाश में दबिश दी जा रही है. वहीं आज गुरुवार को आरोपी भूपेंद्र प्रताप सिंह ने पुलिस की निगरानी में ही औरास ब्लॉक में नामांकन दाखिल कर दिया. भूपेंद्र प्रताप सिंह पूरे लाव-लश्कर के साथ पहुंचे और काफी देर तक मौजूद रहे. दिलचस्प बात ये थी कि जिसे पुलिस ढूंढ़ रही थी, वो पुलिस के सामने थामगर किसी ने गिरफ्तारी की हिम्मत नहीं जुटाई. जाहिर है इससे पुलिस की कारवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
वहीं इस मामले में बीजेपी जिलाध्यक्ष राजकिशोर रावत ने कहा कि जो आरोप लगे हैं, विपक्ष की साजिश है. प्रत्याशी साफ-सुथरा है. पुलिस क्या ग़लत कारवाई कर रही है? के सवाल पर जिलाध्यक्ष ने कहा कि नए कार्यकर्ता के साथ विपक्ष की साजिश है. हो सकता है कारवाई में प्रशासन से चूक हुई हो.
वहीं एडिशनल एसपी शशिशेखर सिंह ने बताया कि इसके बारे में हम जांच करके पता करेंगे कि क्या कारण है? इसमें विधि कार्रवाई की स्थिति क्या है? इसका भी पता किया जाएगा. एडिशनल एसपी ने कहा कि लापरवाही के बारे में अभी कुछ नहीं बता सकता हूं. यह जांच का विषय है.