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दिल्ली: लगातार चौथे दिन कोरोना के 400 से ज़्यादा नए मामले, AAP विधायक बोले- बाज़ारों में सख्ती बढ़ाई जाए

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दिल्ली में कोरोना के नए मामले लगातार चौथे दिन 400 से ज़्यादा रिपोर्ट किये गये हैं. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में कोरोना के 407 नए मामले सामने आये हैं और कुल मामलों का आंकड़ा बढ़कर 6 लाख 43 हज़ार 696 पर पहुंच गया है. साथ ही कोरोना की संक्रमण दर 0.6 फीसदी हो गई है और रिकवरी दर घटकर 97.94 फीसदी पर पहुंच गई है. दिल्ली में कोरोना के सक्रिय मरीज़ों की दर 0.35 फीसदी हो गई है और कोरोना से मृत्यु दर 1.7 फीसदी है.

ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में कोरोना के मौजूदा सक्रिय मरीजों की संख्या 2 हज़ार 262 हो गई है, जो कि 19 जनवरी के बाद से सक्रिय मरीज़ों की सबसे बड़ी संख्या है. 19 जनवरी को दिल्ली में 2 हज़ार 334 सक्रिय मरीज थे. वहीं, होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज़ों की संख्या 1 हज़ार 270 है. 15 जनवरी के बाद से ये होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज़ों की सबसे बड़ी संख्या है. 15 जनवरी को होम आइसोलेशन में 1 हज़ार 275 मरीज थे. बीते 24 घंटे में कोरोना से 2 लोगों की मौत हुई है और मौत का कुल आंकड़ा 10 हज़ार 941 पर पहुंच गया है. पिछले 24 घंटे में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ा 350 है, अब तक ठीक हुए कुल लोगों की संख्या 6 लाख 30 हज़ार 493 है.

कोरोना के बढ़ते मामलों पर आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली को भी चौकन्ना रहने की ज़रूरत है, ताकि अन्य राज्यों जैसी स्तिथि न हो. सौरभ भारद्वाज ने कहा, “कोरोना के बीच बीच में पीक या स्पाइक आते हैं जिसकी वजह कोरोना के जीवाणु में म्युटेशन होता है. ये एक चक्र है, कोरोना का वायरस हर थोड़े समय में नया रूप धारण करता है. ऐसे में मास्क पहनना और बार बार हाथ धोना ज़रूरी है. हम दिल्ली सरकार से आग्रह करेंगे कि बाज़ारों में सख़्ती बढ़ाई जाए, ताकि बाज़ार तो चलते रहें, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी होता रहे. जैसे अन्य राज्यों में कोरोना बढ़ रहा है, वैसा दिल्ली में कोरोना न बढ़े इसलिए हमें पहले से चौकन्ना रहने की ज़रुरत है.”

हालांकि सख्ती बढ़ाने पर सौरभ भारद्वाज ने ये भी कहा कि सरकार के सामने दो तरह की दिक्कत है. ज्यादा चालान कटते हैं तो भाजपा वाले शोर मचाने लगते हैं कि केजरीवाल अपनी जेब भर रहे हैं. ऐसे में सरकार के लिए स्तिथि को बैलेंस करना मुश्किल होता है क्योंकि ज्यादा चालान कटने पर पब्लिक परेशान होती है और जब चालान कम कटते हैं तो लापरवाही शुरू हो जाती है.

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