पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) खाते में हर साल कम से कम 500 रुपये डालने पड़ते हैं तभी अकाउंट चालू रहता है. ऐसा 15 साल तक यह काम करना पड़ता है. कई बार लोग विभिन्न कारणों से खाते में न्यूनतम राशि भी नहीं डाल पाते जिसकी वजह से खाता बंद जाता है. हम आपको बता रहे हैं कि खाता दोबारा कैसे चालू कर सकते हैं.
पीपीएफ खाता दोबारा चालू करने के लिए आपको उस बैंक या डाक घर में जाना होगा जहां यह खुला है. आपको यहां खाता दोबारा चालू कराने के लिए एक फॉर्म भरना होगा.
फॉर्म भरने के बाद आपको एरियर (बकाया रकम) का भुगतान करना होगा. इसका मतलब यह है कि जितने वर्षों में आपने भुगतान नहीं किया है, उनमें हर वर्ष के लिए 500 रुपये का मिनिमम पेमेंट करना होगा.
इस भुगतान के साथ आपको हर साल के हिसाब से 50 रुपये की पेनाल्टी भी देनी होगी.
खाता बंद होने के यह हैं नुकसान
2016 में में सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए कुछ खास स्थितियों में मैच्योरिटी के पहले पीपीएफ खाते को बंद करने की परमिशन दे दी थी. खाते के पांच साल चलने के बाद ही ऐसा किया जा सकता है. अगर आपका खाता इनएक्टिव है तो आपको यह सुविधा नहीं मिलेगी बशर्ते इसे फिर से चालू न किया जाए.
तीसरे वित्त वर्ष के बाद छठे वित्त वर्ष के समाप्त होने तक पीपीएफ खाते में बैलेंस पर लोन लिया जा सकता है. इनएक्टिव पीपीएफ खाते में यह लाभ भी नहीं मिलता.
इस बात का ध्यान रखें कि खाताधारक बंद पड़े पीपीएफ खाते के अलावा कोई अन्य पीपीएफ अकाउंट खुलवाना चाहता है तो इसकी इजाजत उसे नहीं मिलेगी क्योंकि ऐसा कोई नियम नहीं है. किसी एक व्यक्ति के दो पीपीएफ खाते नहीं हो सकते हैं.