केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने शनिवार को वर्चुअल तरीके से दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (LHMC) के 99वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दवा केवल एक पेशा नहीं ही बल्कि एक व्यवसाय है।
स्वास्थ्य मंत्री ने एमबीबीएस कर चुके विद्यार्थियों को संदेश दिया कि दवा केवल पेशा नहीं ही बल्कि एक व्यवसाय है । उन्हें सदैव कुछ नया सीखते रहना चाहिए और अपने ज्ञान और कौशल को उन्नत करते रहना चाहिए।
छात्रों को सलाह देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने चिकित्सा स्नातकों को दिए संदेश में कहा, रोगियों का इलाज करते समय करुणा दिखाना महत्वपूर्ण है। चिकित्सक अपनी मानवता या अपने धैर्य को कभी न भूलें।
हर्षवर्धन ने कहा कि वे इंसान हैं। महज विभिन्न क्षेत्रों का जमावड़ा नहीं। उनके जीवन की कई अनमोल कहानियां हैं, जो उनके परिवारों, समुदायों और समाज से जुड़ी हैं। इस दौरान मंत्री ने कोविड-19 (COVID-19) महामारी से लड़ने में अग्रणी भूमिका के लिए एलएचएमसी की सराहना भी की।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन
इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोना महामारी के बीच दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) द्वारा निभाई गई भूमिका पर प्रकाश डाला और कॉलेज एवं अस्पताल के प्रयासों की प्रशंसा की। डॉ हर्षवर्धन ने कहा, मुझे यह स्वीकार करते हुए गर्व हो रहा है कि एलएचएमसी कोविड-19 की अभूतपूर्व चुनौती को स्वीकारा और इस घातक वायरस के खिलाफ लड़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि लेडी हार्डिंग आरटी-पीसीआर टेस्ट का संचालन करने के लिए अत्याधुनिक सुविधा स्थापित करने वाली दिल्ली की पहली सरकारी संस्था थी।
महिला सशक्तीकरण का प्रतीक
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के इतिहास के बारे में बात करते हुए, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, एलएचएमसी हमारे देश में महिला सशक्तीकरण का प्रतीक रहा है। उन्होंने कहा कि आज लेडी हार्डिंग के पूर्व छात्रों ने भारत और विदेशों में गौरवपूर्ण पहचान बनाई है। साथ ही स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में प्रशंसनीय योगदान दिया है। यहां के पूर्व छात्रों ने इस संस्थान और देश को गौरवान्वित किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि आज यह संस्थान देश के शीर्ष मेडिकल कॉलेज में गिना जाता है। साथ ही लगातार उत्कृष्ट चिकित्सा पेशेवरों को तैयार कर रहा है।