नईदिल्ली : 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के साथ दुष्कर्म मामलों में दोषी पाए जाने पर मृत्युदंड के प्रावधान पर सरकार विचार कर रही है, देश में छोटी बच्चियों के साथ होते दुष्कर्म मामलों को सरकार जघन्य घटना की सीमा में लाने पर आध्यादेश लेन पर गंभीरता से सोच रही है, मीडिया में प्राप्त जानकारियों के अनुसार भारतीय बाल यौन उत्पीड़न रोक कानून (पोक्सो) में संशोधन करने के प्रावधान पर यह जानकारी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को दी है, अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका में छोटे बच्चों के साथ दुष्कर्म पर चिंता जताते हुए कानून को कड़ा किये जाने के आशय से मांग रखी है, इसपर सरकार की ओर से एडीशनल सालिसिटर जनरल के माध्यम से यह नोट पेश किया गया कि सरकार पोस्को कानून में संशोधन कर 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से दुष्कर्म के दोषी के लिए मृत्युदंड का प्रावधान करने पर विचार कर रही है। POCSO यानि “प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस” के एक्ट में बदलाव के बाद 0-12 साल की बच्चियों के साथ रेप के मामले में मौत की सजा का प्रावधान है, मोदी कैबिनेट की मीटिंग में क्रिमिनल अमेंडमेंट एक्ट के प्रस्ताव पर मंजूरी मिल गई है और फैसला लिया गया कि रेप के मामलों में तेज जांच और सुनवाई के सभी उपाए सुनिश्चित किए जायेंगे।