नई-दिल्ली,(26-3)/ सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय न्यास ने ‘डाउन सिंड्रोम पर राष्ट्रीय सम्मेलन’ का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय न्यास के अध्यक्ष डॉ. कमलेश कुमार पांडे ने इसका उद्घाटन किया, उद्घाटन सत्र के बाद पहला सत्र “डाउन सिंड्रोम- स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दें” विषय पर पैनल परिचर्चा और प्रश्नोत्तरी सत्र आयोजित किया गया था, जिसमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल और सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर शामिल हुए, दूसरा सत्र “डाउन सिंड्रोम – संभावनाएं और बढ़ना तथा विकास” विषय पर आयोजित किया गया, जिसमें डाउन सिंड्रोम के क्षेत्र में कार्यरत जाने-माने विशेषज्ञों के साथ पैनल परिचर्चा और प्रश्नोत्तरी सत्र किया गया, अंत में तीसरे सत्र में “डाउन सिंड्रोम-दिव्यांगता प्रमाण पत्र पर जिज्ञासा” विषय पर प्रसिद्ध अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टरों के साथ पैनल परिचर्चा और प्रश्नोत्तरी सत्र आयोजित किया गया । डाउन सिंड्रोम क्रोमोसोम से जुड़ा विकार है, जिसमें बौद्धिक विकास और सीखने की क्षमता कम होती है। इससे ग्रसित बच्चों में अकसर देरी से विकास और व्यवहार संबंधी समस्याएं होती है। विभिन्न हितधारकों की प्रतिबद्धता और डाउन सिंड्रोम के बारे में उनकी जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय न्यास ने डाउन सिंड्रोम पर इस राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया था। इस मौके पर डाउन सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति के जीवन पर आधारित “ट्वीलाइट्स चिल्ड्रन” नाम की पुस्तक का भी विमोचन किया गया। सम्मेलन के जरिये डाऊन सिंड्रोम पर विचारों और ज्ञान का प्रसार करने के लिए सभी वर्ग के बुद्धिजीवी एक मंच पर एकत्रित हुए, जो डाउन सिंड्रोम से पीडि़त लोगों के मन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में अत्यधिक लाभदायक था। डाउन सिंड्रोम पीडि़तों और उनके माता-पिताओं को भी उनकी प्रेरणादायक गाथा साझा करने के लिए सम्मेलन में आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में राष्ट्रीय न्यास के संयुक्त सचिव और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुकेश जैन, डाउन सिंड्रोम फेडरेशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष डॉ. सुरेखा रामचंद्रन और डाउन सिंड्रोम से संबंद्ध विभिन्न हितधारक उपस्थित थे।