नई दिल्ली, (22-3-)/ उपदान भुगतान (संशोधन) विधेयक 2018 के तहत ग्रेच्युटी की सीमा बढाकर दो गुना करने का निर्णय संसद द्वारा पारित किया गया है, इस विधेयक से निजी क्षेत्र और सरकार के अधीन सार्वजनिक उपक्रम या स्वायत्त संगठनों के कर्मचारियों लाभ होगा, जानकारी के अनुसार श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार के सदन में अनुरोध पर ग्रेच्युटी से संबंधित यह विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है, ज्ञात हो लोकसभा में यह विधेयक पूर्व में ही पारित किया जा चुका था, राज्यसभा में श्री गंगवार ने इस आशय से कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण विधेयक है और मैं अनुरोध करता हूँ, कि इसे चर्चा के बिना पारित कर दिया जाए, कुछ संशोधन के साथ यह विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया, जानकारी के अनुसार इसमें केंद्र सरकार में कार्य कर रहीं निरंतर महिला कर्मचारियों को वर्तमान में मिलने वाली 12 सप्ताह की छुट्टी के स्थान पर, प्रसूति अवकास की अवधि’ को अधिसूचित करने का प्रावधान किया गया है, ग्रेच्युटी अधिनियम 10 या उससे अधिक नियोजन वाली संस्थाओं पर लागू होता है, सातवें वेतनमान की सिफारिशों के बाद उपदान भुगतान (संशोधन) विधेयक 2018 में ग्रेच्युटीकी सीमा 10 लाख से 20 लाख कर दी गई थी, अत: अधिनियम के तहत आने वाले सभी कर्मियों के लिये अब यह आय, कर मुक्त होगी। संशोधन में ग्रेच्युटी के दस लाख रुपये शब्द के स्थान पर “एक ऐसी रकम जो केंद्रीय सरकार द्वारा समय समय पर अधिसूचित की जाए” का प्रस्ताव भी किया गया है।