पिछले कुछ सालों में आए आर्थिक संकट और महामारी के कारण कई लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी और बेरोजगारी का सामना करना पड़ा. 2008 में अमेरिका में आई मंदी और 2020 में कोरोना त्रासदी के कारण दुनियाभर में नौकरीपेशा लोगों को इस तरह का संकट देखना पड़ा. अब एक बार फिर मंदी की आशंका गहराने लगी है और दुनिया की कई दिग्गज कंपनियां छंटनी की तैयारी कर रही हैं. ऐसे हालात से निपटने के लिए जॉब इंश्योरेंस की उपयोगिता बढ़ जाती है. क्योंकि, इसमें नौकरी जाने के संभावित जोखिम की क्षतिपूर्ति की जाती है.
लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस की तरह ही जॉब इंश्योरेंस का कॉन्सेप्ट है. हालांकि, भारत में जॉब इंश्योरेंस से जुड़ी अलग से कोई पॉलिसी नहीं होती है. इसे टर्म और अन्य इंश्योरेंस प्रोडक्ट के साथ राइडर यानी अतिरिक्त लाभ के तौर पर एड कराया जा सकता है. यदि पॉलिसी में दिए गए किसी कारण के चलते व्यक्ति की जॉब चली जाती है तो ऐसी स्थिति में उसे आर्थिक सुरक्षा दी जाएगी.
कैसे लें जॉब इंश्योरेंस कवर?
भारत में जॉब इंश्योरेंस को लेकर स्टैंडअलोन पॉलिसी नहीं है. इसलिए आप से अपनी अन्य इंश्योंरेस पॉलिसी के साथ ऐड ऑन कवर की तरह ले सकते हैं. आमतौर पर आप इसे हेल्थ इंश्योरेंस या फिर होम इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ लिया जाता है. टर्म इंश्योरेंस में भी इस तरह का कवर मिल सकता है. हालांकि, हर बीमा कंपनी की इसके लिए अलग-अलग शर्तें होती हैं.
जॉब लॉस इंश्योरेंस कवर में पॉलिसी शर्तों के मुताबिक नौकरी चले जाने पर बीमित व्यक्ति को आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराई जाती है और इसके लिए एक निर्धारित अवधि तक आपको पैसों की मदद की जाती है.
इसका फायदा यह होता है कि इस कठिन परिस्थिति में आपको आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है और कुछ दिनों में नई नौकरी पाकर इस मुश्किल वक्त से बाहर निकल सकते हैं.
हर बीमा कंपनी की जॉब लॉस इंश्योरेंस कवर को लेकर अपने-अपने नियम व शर्तें होती हैं. इस कवर में अस्थाई तौर पर नौकरी से निलंबित होने पर भी कवर मिलता है.
ध्यान रखे कि धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार या अन्य गलत कार्यों व आरोपों के चलते जॉब चले जाने पर कोई लाभ नहीं मिलता है. इसके अलावा प्रोबेशन पीरियड के दौरान जॉब लॉस इंश्योरेंस कवर की सुरक्षा नहीं मिलती है.
इसके अलावा अस्थाई तौर पर या अनुबंध के तहत नौकरी करने वाले लोगों को यह इंश्योरेंस कवर नहीं दिया जाता है.
नौकरी जाने पर क्लेम कैसे करें?
किसी कारणवश नौकरी चले पर बीमित व्यक्ति को इंश्योरेंस कंपनी को इसकी सूचना देनी होगी और जरूरी डॉक्यूमेंट्स सबमिट करने होंगे. वैरिफिकेशन पूरा होने के बाद इंश्योरेंस कंपनी क्लेम दे देती है.
याद रखें जीवन में खर्च बने रहते हैं लेकिन आमदनी नियमित रहे इसकी कोई गारंटी नहीं होती है. होम लोन की ईएमआई, बच्चों की स्कूल की फीस, कार लोन समेत अन्य खर्चों के लिए नौकरी या रोजगार का होना जरूरी है. अगर दुर्भाग्यवश नौकरी चली जाती है तो इन खर्चों से आर्थिक बोझ बढ़ जाता है ऐसे हालात में जॉब लॉस इंश्योरेंस कवर बड़ी राहत प्रदान करता है.