आम आदमी के लिए राहत भरी खबर है. दरअसल, देश की मंडियों में सोयाबीन और मूंगफली की आवक बढ़ने के कारण अन्य खाद्य तेल कीमतों पर भी दबाव कायम हो जाने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सरसों, सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन और कच्चा पाम तेल (CPO) एवं पामोलीन (Palmolein) तेल कीमतों में गिरावट देखने को मिली. नमकीन बनाने वाली कंपनियों की मांग से बिनौला तेल कीमतों में सुधार आया.
कारोबारी सूत्रों ने कहा कि कांडला बंदरगाह पर आयात भाव के मुकाबले सीपीओ और पामोलीन तेल महंगा मिलने से मांग कुछ प्रभावित हुई है जिसकी वजह से सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट है. इसका असर मूंगफली सहित बाकी तेल तिलहन कीमतों पर भी हुआ है जिससे उनके भाव भी दवाब में रहे. उन्होंने कहा कि देश में लगभग 70 प्रतिशत खाद्यतेलों की मांग को आयात से पूरा किया जाता है लिहाजा सिर्फ घरेलू तेल तिलहनों पर ‘स्टॉक लिमिट’ लागू करने का कोई औचित्य नहीं दिखता.