Home राष्ट्रीय संजय राउत के खिलाफ ED का एक्शन, हिरासत से लेकर गिरफ्तारी तक...

संजय राउत के खिलाफ ED का एक्शन, हिरासत से लेकर गिरफ्तारी तक जानें 10 बड़ी बातें

25
0

मुंबई की एक ‘चॉल” के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शिवसेना सांसद संजय राउत को सोमवार तड़के प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया. शिवसेना नेता को शुरू में हिरासत में लिया गया था. ईडी की एक टीम सीआरपीएफ कर्मियों के साथ 31 जुलाई की सुबह 7 बजे उनके मुंबई स्थित बंगले ‘मैत्री’ पर पहुंची और उनके घर की तलाशी ली.

रविवार सुबह ईडी संजय राउत के घर पहुंची. दिनभर उनसे पूछताछ करने और घर की तलाशी लेने के बाद शाम 5 बजे शिवसेना नेता को पूछताछ के लिए ईडी के जोनल कार्यालय ले जाया गया. सूत्रों ने कहा कि राउत एजेंसी के साथ आवश्यकतानुसार सहयोग नहीं कर रहे थे. इसलिए उन्हें जांच एजेंसी को हिरासत में लेना पड़ा. शिवसेना नेता के आवास से 11.50 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी जब्त की गई. फिर देर रात राउत को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया.
संजय राउत ने हालांकि किसी भी गलत काम में अपनी संलिप्तता से इनकार किया और दावा किया कि वह राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार हुए हैं. 18 से बात करते हुए शिवसेना सांसद ने कहा,वे (ईडी) जब तक चाहें मुझे हिरासत में रख सकते हैं. मैं अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को गलत साबित करूंगा. ईडी कार्यालय पहुंचने के बाद राउत ने कहा कि वह लड़ाई जारी रखेंगे.
शिवसेना सांसद ने कहा कि वह झुकेंगे नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों के खिलाफ झूठे आरोप और दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं. यह सब शिवसेना और महाराष्ट्र को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है. संजय राउत नहीं झुकेगा. मैं पार्टी नहीं छोड़ूंगा. ईडी ने राउत को मुंबई के पात्रा चाॅल पुर्नविकास से जुड़े भूमि घोटाले में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया है.
संजय राउत के वकील विक्रांत सबने ने संवाददाताओं से कहा कि शिवसेना नेता या उनके परिवार की किसी भी संपत्ति की जब्ती का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि उन्होंने पहले ही संबंधित दस्तावेज जमा कर दिए हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने ताजा सम्मन स्वीकार कर लिया है. संजय राउत को पूछताछ के लिए लाया गया है. वे (ED) पहले ही ऐसे दस्तावेज ले चुके हैं जो उन्हें महत्वपूर्ण लगे. संपत्ति के कुछ दस्तावेज जब्त किए गए. लेकिन उनके द्वारा पात्रा चॉल से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं लिया गया.’
संजय राउत को पहले 20 जुलाई को पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में जांच एजेंसी द्वारा तलब किया गया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए. अपने वकीलों के जरिए उन्होंने जांच एजेंसी को सूचित किया था कि संसद सत्र के कारण वह 7 अगस्त के बाद पेश हो सकते हैं. इससे पहले 1 जुलाई को उन्होंने ईडी दफ्तर पहुंचकर अपना बयान दर्ज कराया था. इस मामले में ईडी ने दादर और अलीबाग में शिवसेना सांसद और उनके परिवार से जुड़ी संपत्तियों को कुर्क किया था.
सूत्रों ने कहा कि एजेंसी संजय राउत से प्रवीण राउत के साथ उनके ‘व्यापार और अन्य संबंधों’ के साथ-साथ उनकी पत्नी के संपत्ति सौदों के बारे में पूछताछ करना चाहती है. सूत्रों ने यह भी बताया कि ईडी के अधिकारियों ने राउत परिवार में किसी को भी फोन पर बात करने की अनुमति नहीं दी. ईडी टीम द्वारा दस्तावेज मांगे गए और परिवार को आगे की कार्रवाई के बारे में सूचित नहीं किया गया.
घटनाक्रम के बीच, संजय राउत ने एक ट्वीट में कहा कि महाराष्ट्र और शिवसेना की लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने अपने खिलाफ ईडी की कार्रवाई को ‘झूठा मामला, झूठे सबूत’ कहा. शिवसेना सांसद ने कहा, ‘मेरा किसी घोटाले से कोई लेना.देना नहीं है. यह मैं शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की शपथ लेकर कह रहा हूं. बालासाहेब ने हमें लड़ना सिखाया…मैं शिवसेना के लिए लड़ना जारी रखूंगा.’
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘जांच जारी है. अगर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है तो डर क्यों रहे हैं? वह महा विकास अघाड़ी के एक बड़े नेता हैं. सिर्फ इसलिए कि कोई ईडी से डरता है, उसे हमारी पार्टी (शिवेसना का बागी गुट) में नहीं आना चाहिए.’ दरअसल, शिंदे ने राउत के उस बयान के संदर्भ में यह टिप्पणी की जिसमें वह लगातार आरोप लगा रहे हैं कि शिवसेना छोड़ने के लिए उन्हें ईडी की कार्रवाई का डर दिखाया जा रहा है.
संजय राउत के खिलाफ ईडी की कार्रचाई पर उद्धव ठाकरे ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे बेशर्म साजिश, विरोधियों की आवाजों का गला घोंटना बताया. उन्होंने बीजेपी और शिवसेना से बगावत करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘लोग डर और धमकियों की वजह से उधर (एकनाथ शिंदे गुट) जा रहे हैं. भारत के मुख्य न्यायाधीश कहते हैं कि अपने राजनीति प्रतिद्वंदियों के साथ दुश्मन की तरह व्यवहार ना करें. लेकिन एक नया दौर शुरू हुआ है. क्या इस तरह लोकतंत्र की हत्या की जाएगी? इस तरह से कभी उनके सहयोगी रहे लोगों का गला घोंटा जा रहा है. संजय राउत के खिलाफ ईडी की कार्रवाई इसका उदाहरण है.’
ईडी के अनुसार, उसकी जांच से पता चला है कि प्रवीण राउत (संजय राउत के भाई) ने पात्रा चाॅल भूमि सौदे में एचडीआईएल से 100 करोड़ रुपये प्राप्त किए और इसे संजय राउत के परिवार सहित अपने करीबी सहयोगियों, परिवार के सदस्यों और व्यावसायिक संस्थाओं के विभिन्न खातों में डायवर्ट किया. ईडी ने यह भी कहा कि 2010 में वर्षा (राउत संजय राउत) की पत्नी को प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी राउत से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आपराधिक आय में 83 लाख रुपये मिले. वर्षा राउत ने इस पैसे का इस्तेमाल दादर में अपार्टमेंट खरीदने के लिए किया. यह भी सामने आया कि ईडी की जांच शुरू होने के बाद वर्षा राउत ने माधुरी राउत को 55 लाख रुपये ट्रांसफर किए. ईडी ने कहा कि जांच के दायरे में कई अन्य लेनदेन भी हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here