भारत में 2016 में कंज्यूमर प्राइस इन्फ्लेशन (CPI) 4.9 प्रतिशत थी, जो जून 2022 में बढ़कर 7.01 प्रतिशत हो गई है. इस अवधि में भले ही महंगाई दर में भारी इजाफा हुआ हो, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर (RBI Governor) और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों की सैलरी में इस दौरान कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है.
मनीकंट्रोलद्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में केंद्रीय बैंक ने बताया है कि पिछले वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das salary) को मासिक सैलरी के रूप में 2.5 लाख रुपए मिले हैं.
खास बात यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक के पास यह जानकारी भी नहीं है कि भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के वार्षिक टार्गेट क्या हैं और उनका परफॉर्मेंस कैसा रहा है. यह पूछे जाने पर कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान PSU बैंक प्रमुखों को इक्विटी स्टॉक ऑप्शंस (ESOP) या दूसरे परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेटिव क्यों नहीं दिए गए, आरबीआई ने जवाब किया कि मांगी गई जानकारी उसके पास उपलब्ध नहीं है.
आरबीआई गवर्नर को मिलता है कितना वेतन?
आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) को पिछले वित्त वर्ष के दौरान 2.5 लाख रुपए मासिक वेतन मिला था. पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल (Urjit Patel) को भी अपने कार्यकाल के दौरान इतनी ही सैलरी मिली थी. वहीं, आरबीआई के एमडी पात्रा, एम राजेश्वर राव, एमके जैन, टी रबी शंकर समेत चार डिप्टी गवर्नरों को मार्च के अंत तक हर महीने 2.25 लाख रुपये सैलरी के रूप में मिले. अनिल कुमार शर्मा , शिरीष चंद्र मुर्मू, ओम प्रकाश मॉल और मृदुल कुमार सागर सहित भारतीय रिजर्व बैंक के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स को वित्त वर्ष 2022 के आखिर तक 2.16 लाख रुपए मासिक बेसिक सैलरी मिली.