रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि गोला बारूद के क्षेत्र में देश की आर्थिक कुशलता झलकती है और भारत को इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास बढ़ाने तथा उत्पादन क्षमता में वृद्धि करने पर ध्यान देना चाहिए. वह भारतीय वाणिज्य और उद्योग चैंबर महासंघ (फिक्की) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि हम उस समय से बहुत आगे निकल चुके हैं, जब बम का आकार और उसकी विस्फोटक क्षमता ही महत्व रखती थी. अब उनका स्मार्ट होना भी मायने रखता है.
उन्होंने आगे कहा कि अगर उन्नत गोला बारूद नए जमाने के युद्ध की वास्तविकता है तो देश को अपना ध्यान इस क्षेत्र में होने वाले अनुसंधान और विकास, स्वदेशी क्षमता और उत्पादन क्षमता पर केंद्रित करना चाहिए. रक्षा मंत्री ने कहा कि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में किसी देश की प्रगति और आर्थिक विकास, हथियारों तथा गोला बारूद निर्माण की उसकी क्षमता से अपने आप झलकता है.
इतिहास से सही सबक लेने की जरुरत
रक्षा मंत्री ने कहा कि भविष्य में नए रास्ते बनाने के लिए व्यक्ति को इतिहास से सही सबक लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि इतिहास हमें बताता है कि जब भी किसी ने दुनिया पर अपना प्रभुत्व कायम किया तो वह इसलिए कर सका क्योंकि उसने गोला बारूद के क्षेत्र में विभिन्न प्रयोग और अनुसंधान किया था.
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मुन्थो ढालो बेस पर सटीकता से निशाना लगाने वाले गोला बारूद के इस्तेमाल ने कारगिल युद्ध के दौरान अहम भूमिका निभाई थी. इसके चलते, हमें इस युद्ध में बड़ी जीत मिली थी और कल ही मंगलवार को हमने कारगिल युद्ध की 23वीं वर्षगांठ मनाई.
आधुनिक दौर की लड़ाइयों में गोल बारूद नए अवतार में आ रहे हैं सामने
उन्होंने कहा कि 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने एक बार फिर इन गोला बारूद की सटीकता को देखा जिसने हमारे सशस्त्र बलों को अपने अभियान में सफलता दिलाई. राजनाथ सिंह के अनुसार यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि बदलती विशेषताओं के साथ भविष्य में भी गोला बारूद युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे. आधुनिक दौर की लड़ाइयों में गोल बारूद नए अवतार में सामने आ रहे हैं.