अगर आपने अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा है तो आपके पास सिर्फ 10 दिन का और समय है. इस बार भी आप आईटीआर फाइल करने से चूक गए तो आपको जुर्माना और जुर्माने की राशि पर ब्याज भी देना पड़ेगा. आकलन वर्ष 2022-’23 (वित्तीय वर्ष 2021-’22) के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की लास्ट डेट 31 जुलाई है.
यह लास्ट डेट की समय सीमा व्यक्तिगत करदाताओं के लिए है, जिन्हें अपने खातों का ऑडिट कराने की आवश्यकता नहीं है. समय सीमा चूकने पर जुर्माना भी लगता है और देरी से रिटर्न दाखिल करने पर आपको ब्याज भी भरना पड़ता है.
लेट फीस कितनी
अगर आप 31 जुलाई की डेडलाइन मिस करते हैं तो 31 दिसंबर तक लेट आईटीआर फाइल कर सकते हैं, लेकिन आपको लेट फाइलिंग फीस देनी होगी. 5 लाख रुपए से अधिक की आय के लिए, विलंब शुल्क 5,000 रुपए है, जबकि अन्य को 1,000 रुपए का भुगतान करना होगा.
लेट फाइलिंग शुल्क उन करदाताओं पर भी लागू होगा जिनकी आय 2.5 लाख रुपये की कर छूट सीमा से कम हो सकती है, लेकिन उन्हें आईटीआर दाखिल करना अनिवार्य है. इसमें वे करदाता शामिल हैं जिनके पास विदेशी संपत्ति है या जिन्होंने विदेशी आय अर्जित की है या वित्तीय वर्ष के दौरान बिजली बिल में ₹1 लाख से अधिक का भुगतान किया है. एक या अधिक बैंक खातों में ₹1 करोड़ से अधिक जमा किया है और स्वयं या परिवार के लिए विदेश यात्रा पर ₹2 लाख से अधिक का भुगतान किया है.
ब्याज का गणित
यदि 31 जुलाई की समय सीमा के बाद आपके पास बकाया टैक्स है, तो आपको बकाया राशि पर 1% का मासिक साधारण ब्याज देना होगा. ब्याज कैसे और कितना लगता है इस पर टैक्स एक्सपर्ट्स कहते है कि महीने की शुरुआत से ही ब्याज काउंट होने लगता है. इसको उदाहरण से ऐसे समझिए कि मान लीजिए आपने अगस्त महीने के पांचवें दिन बकाया कर का भुगतान किया, तो आपको पूरे महीने के लिए 1% ब्याज देना होगा.
इसके साथ ही मान लीजिए आपने लेट टैक्स भर दिया. अब टैक्स डिपार्टमेंट ने आपके आईटीआर का आकलन किया. विभाग को लगा कि आपने गणना सही से नहीं कि है और आपके ऊपर ज्यादा टैक्स देनदारी आ रही है. ऐसी स्थिति में आपको उस अतिरिक्त राशि पर पूर्वव्यापी प्रभाव से ब्याज देना होगा.