संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है. इसमें शामिल होने सोमवार सुबह संसद भवन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह अवधि बहुत महत्वपूर्ण है. यह आजादी का अमृत महोत्सव का दौर है. 15 अगस्त और आने वाले 25 वर्षों का एक विशेष महत्व है- जब राष्ट्र स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा, यह हमारी यात्रा और हम जिस नई ऊंचाइयों को छूते हैं, उसे तय करने का संकल्प करने का समय होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद में खुले दिमाग से बातचीत होनी चाहिए, जरूरत पड़ने पर बहस भी होनी चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं सभी सांसदों से गहराई से विचार करने और चर्चा करने का आग्रह करता हूं. पीएम ने कहा कि संसद का यह सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अभी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के पद के लिए चुनाव हो रहे हैं. आज (राष्ट्रपति चुनाव के लिए) वोटिंग हो रही है. इस दौरान नए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति देश का मार्गदर्शन करना शुरू करेंगे. आपको बता दें कि मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा. आज संसद में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान भी हो रहा है, जिसमें सभी सांसद वोटिंग करेंगे. उपराष्ट्रपति का चुनाव 6 अगस्त को निर्धारित है.
मानसून सत्र के पहले दिन आज सदन में विपक्षी दलों द्वारा अग्निपथ योजना, महंगाई और ‘असंसदीय शब्दों’ की सूची पर सरकार को घेरने की कोशिश करने की संभावना है. एक दिन पहले सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के अलावा, विपक्षी दलों के नेताओं ने सत्र की रणनीति बनाने के लिए दिल्ली में राकांपा प्रमुख शरद पवार के आवास पर मुलाकात की. संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से एक दिन पहले, रविवार को सरकार ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा 32 विधेयकों को दोनों सदनों में प्रस्तुत करने के लिए संकेत दिया गया है, जिनमें से 14 तैयार हैं. सरकार ने जोर देकर कहा कि वह इन सभी विधेयकों पर लोकतांत्रिक तरीके से सदन चर्चा चाहती है.
मानसून सत्र में सदन के पटल पर रखे जाएंगे 32 विधेयक
सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि इन 32 विधेयकों में से कुछ पर संसद की स्थायी समितियों द्वारा पहले ही चर्चा की जा चुकी है. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, विभिन्न विभागों द्वारा 32 विधेयकों को संसद के इस सत्र में पेश करने का संकेत दिया गया है, जिनमें से 14 विधेयक तैयार हैं. लेकिन हम बिना चर्चा के विधेयकों को पारित नहीं करेंगे. प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार ने सर्वदलीय बैठक में लगभग 45 दलों को आमंत्रित किया था, जिनमें से 36 ने इसमें भाग लिया.अधिकारियों ने बताया कि विदेश और वित्त मंत्रालय मंगलवार को संसद में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को श्रीलंका की स्थिति के बारे में जानकारी देंगे