Home राष्ट्रीय सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की बिक्री आज से शुरू, पांच दिनों तक सस्‍ता...

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की बिक्री आज से शुरू, पांच दिनों तक सस्‍ता सोना खरीदने का मौका

20
0

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) की अगली किस्त की बिक्री आज सोमवार से शुरू हो गई. सस्ता सोना खरीदने का यह मौका अगले पांच दिनों तक चलेगा. इस किस्त के लिए सोने का इश्यू प्राइस 5,091 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है. यह चालू वित्त वर्ष का पहला निर्गम होगा.

कोविड महामारी के प्रकोप वाले वर्षों में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश के प्रति सबसे अधिक आकर्षण देखने को मिला है. निवेशकों द्वारा सुरक्षित विकल्प की तलाश के चलते इस योजना में निवेश तेजी से बढ़ा. वर्ष 2020-21 और 2021-22 के दौरान शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के कारण भी गोल्ड बॉन्ड के प्रति झुकाव बढ़ा. इन दो वर्षों में इन बांड की जितनी बिक्री हुई, वह नवंबर, 2015 में इस योजना की शुरुआत से हुई कुल बिक्री का 75 प्रतिशत है.
डिजिटल पेमेंट वालों को छूट
सरकार ने ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट की पेशकश की है. आवेदकों को इस छूट का लाभ लेने के लिए डिजिटल माध्यम से भुगतान करना होगा. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर, 2015 में इस योजना की शुरुआत से अबतक कुल 38,693 करोड़ रुपये (90 टन सोना) जुटाए गए हैं.

निवेश पर रिटर्न भी और सेफ्टी भी
वित्त वर्ष 2021-22 और 2020-21 में कुल 29,040 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई, जो कुल जुटाई गई राशि का लगभग 75 प्रतिशत है. आरबीआई ने 2021-22 के दौरान एसजीबी की 10 किस्तें जारी कर 12,991 करोड़ रुपये (27 टन) की कुल राशि जुटाई. केंद्रीय बैंक ने 2020-21 में एसजीबी की 12 किस्तें जारी कर 16,049 करोड़ रुपये (32.35 टन) की कुल राशि जुटाई.
सुरक्षा की दृष्टि से यह फायदेमंद
मुंबई स्थित निवेश सलाहकार फर्म कैरोस कैपिटल के संस्थापक और प्रबंध निदेशक ऋषद मानेकिया ने कहा कि एसजीबी को भौतिक सोना रखने के विकल्प के रूप में देखा जा सकता है और इसमें निवेश करके प्रतिफल भी मिलता है. इसके सरकार द्वारा समर्थित होने और सुरक्षा की दृष्टि से यह फायदेमंद विकल्प है.

केंद्रीय बैंक दरअसल भारत सरकार की तरफ से बॉन्ड जारी करता है. ये निवासी व्यक्तियों, अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ), न्यासों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थाओं को ही बेचे जा सकते है. आरबीआई ने कहा, ‘‘एसजीबी की अवधि आठ वर्ष के लिए होगी, जिसमें 5वें वर्ष के बाद इसे समय पूर्व भुनाया जा सकता है. इस विकल्प का उपयोग उस तिथि पर किया जा सकता जिस पर ब्याज देय है.’’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here