झारखंड की राजधानी रांची स्थित हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (Heavy Engineering Corporation Limited) ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है. एचईसी ने रॉकेट के प्रक्षेपण के लिए सबसे संवदेशनील और जटिलतम उकरण व्हील बोगी सिस्टम का निर्माण किया है. एचएमबीपी में इसरो के विशेषज्ञों की मौजदूगी में इसका ट्रायल किया गया जो शत प्रतिशत सफल रहा है. वहीं बता दें कि एचईसी (HEC) ने इसरो (ISRO) के लिए इसका निर्माण किया है. अधिकारियों के मुताबिक, व्हील बोगी सिस्टम पीएसएलवी (रॉकेट) एकीकरण प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
गुरुवार को एचएमबीपी के 043-044 शॉप में व्हील बॉगी सिस्टम (Wheel Bogie System trial) का ट्रायल किया गया जो सफल रहा. इस दौरान प्लांट के कामगार, अधिकारी, इसरो के विशेषज्ञ उपस्थित थे. इसरो के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह पहली बार है कि इतनी उच्च क्षमता वाली व्हील बोगी (Wheel Bogie System) प्रणाली भारत में बनी है. यह इसरो के साथ एचईसी के सहयोग के लिए एक नया रास्ता खोलती है. भविष्य में इस तरह के राष्ट्रीय महत्व के कार्यादेश से एचईसी के लिए नया मार्ग प्रशस्त होगा
व्हील बोगी सिस्टम की खास बातें
यह रॉकेट (Rocket) को असेंबली बिल्डिंग से लॉन्च पैड तक ले जाता है.
रॉकेट के सफल प्रक्षेपण के लिए आवश्यक प्रक्षेपण तक निर्देशित भी करता है.
डेडिकेटेड होलर वाहन द्वारा संचालित 1.5 किमी के रेल ट्रैक (Rail Track) पर चलता है.
इसका वजन 85 टन है और यह लगभग 900 टन परिवहन करने में सक्षम है.
इसके निर्माण के लिए लॉ एलॉय स्टील विकसित किया गया है.
जटिलतम वेल्डिंग, मशीनिंग के बाद इसकी असेंबलिंग की गई है.
मालूम हो कि हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (एचईसी) मुख्य रूप से मशीनींग, फैब्रिकेशन, रिफैक्ट्रीज और आयरन कास्टिंग का ही काम करती है और इनसे ही संबंधित वर्क ऑर्डर दूसरे इंडस्ट्री को देती है