बेंगलुरु, “नाविक” श्रृंखला के मौजूदा सात उपग्रहों में संवर्धन के लिए नौवहन उपग्रह आई.आर.एन.एस.एस-1 एच के आज होने वाले प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। प्रक्षेपण यान पी.एस.एल.वी- सी39 के जरिए आई.आर.एन.एस.एस-1 एच को प्रक्षेपित किया जाएगा, आई.आर.एन.एस.एस-1एच नौवहन उपग्रह आईआरएनएसएस-1ए की जगह लेगा, जिसकी तीन रूबीडियम परमाणु घडिय़ों (एटॉमिक क्लॉक) ने काम करना बंद कर दिया था। आई.आर.एन.एस.एस-1ए “नाविक” श्रृंखला के सात उपग्रहों में शामिल है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कहा, “पी.एस.एल.वी 39/आई.आर.एन.एस.एस-1एच के अभियान की 29 घंटे लंबी उल्टी गिनती बुधवार को दोपहर दो बजे शुरू हो चुकी है।” आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉंच पैड से शाम सात बजे इसका प्रक्षेपण किया जाएगा। मिशन तैयारी समीक्षा (एम.आर.आर) समिति और प्रक्षेपण प्राधिकृति बोर्ड (एलएबी) ने कल 29 घंटे लंबी उल्टी गिनती की मंजूरी दी थी। प्रक्षेपण के लिए पी.एस.एल.वी-सी39 पी.एस.एल.वी के ‘एक्सएल’ संस्करण का इस्तेमाल करेगा। 1,400 किलोग्राम से ज्यादा वजन के आई.आर.एन.एस.एस-1एच का निर्माण इसरो के साथ मिलकर छह छोटी-मझौली कंपनियों ने किया है। भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (आई.आर.एन.एस.एस) एक स्वतंत्र क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली है, जिसे भारत ने अमेरिका के जी.पी.एस की तर्ज पर विकसित किया है।