रूस (Russia) की ओर से यूक्रेन (Ukraine) पर हमले की आशंकाएं तेजी से बढ़ रही हैं. ऐसा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के साथ ही हो गया है. रूस के इस फैसले से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पश्चिम देशों की आशंका के बीच तनाव और बढ़ गया है. इस बीच अमेरिका और कनाडा की ओर से रूस को लेकर कई प्रतिबंधों की घोषणा की गई है. उधर जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने मंगलवार को कहा कि उनके देश ने नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन (Nord Stream 2 Gas Pipeline) के प्रमाणन की प्रक्रिया को रोकने के लिए कदम उठाए हैं, क्योंकि पश्चिमी देश यूक्रेन संकट के मद्देनजर रूस के खिलाफ दंडात्मक उपाय कर रहे हैं. यह फैसला जर्मन सरकार का महत्वपूर्ण कदम है, जिसकी आलोचना रूस ने की है. लेकिन रूस को चीन से अब मदद मिल रही है.
इस पाइपलाइन के जरिये रूस से यूक्रेन और पोलैंड के रास्ते बाल्टिक सागर से जर्मनी को गैस भेजने की योजना थी. हालांकि अब विशेषज्ञ ऐसी संभावना जता रहे हैं कि पुतिन को यूरोपीय देशों और अमेरिका से मिल प्रतिबंधों के बाद भी एक लाइफलाइन मिल सकती है, जो उनकी परेशानियां कम कर सकेगी. दरसअल कुछ दिन पहले रूस ने चीन के साथ एक समझौता किया था. इसके तहत रूस अगले 30 साल तक चीन को गैस उपलब्ध कराएगा.
इस समझौते के तहत रूस समर्थित ऑयल कॉरपोरेशन गैजप्रोम ने चीन की बड़ी कंपनी सीएनपीसी को हर साल 10 अरब क्यूबिक मीटर गैस सप्लाई करने की हामी भरी है. रूस के एक विशेषज्ञ का कहना है कि पुतिन और रूस के लिए यह डील काफी सहायक होगी.
117 अरब अमेरिकी डॉलर के रूसी तेल और गैस को चीन भेजने के लिए एक दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. अगर कोई आक्रमण होता है तो यह समझौता मास्को को रूस से यूरोप तक नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन को रोकने के अमेरिकी खतरों से संभावित नतीजों को कम करने में मदद देता है