सरकार द्वारा मार्च के दूसरे हफ्ते में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा सकता है. ताकि कर्जदाता बैंकों को पूंजी-आरक्षित आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिल सके. पंजाब एंड सिंध बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया एकमात्र ऐसे ऋणदाता बैंक हैं जिन पर अभी भी पाबंदियां हैं. सरकार के इस कदम से इन बैंकों को सबसे ज्यादा लाभ होगा.
इस साल, सरकार ने संशोधित बजट अनुमानों में चालू वित्त वर्ष के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए 15,000 करोड़ रुपये तय किए हैं. जो पूरी राशि अगले महीने वितरित की जा सकती है. सरकार ने शुरू में बैंक पुनर्पूंजीकरण के लिए 20,000 करोड़ रुपये का बजट रखा था, लेकिन बैंकों के फंसे कर्ज में कमी उनकी सुधरती वित्तीय स्थिति को देखते हुए इसे घटाकर 15,000 करोड़ रुपये कर दिया
सरकार से पर्याप्त पूंजी सहायता ने बैंकों को वित्तीय सुधार करने में मदद की है. सूत्रों ने कहा कि अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए बैंकों को बाजार से धन जुटाने और अपनी गैर-प्रमुख संपत्तियों की बिक्री के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. वित्त मंत्रालय से इंडियन ओवरसीज बैंक को भी पूंजी मिलने की उम्मीद की जा रही है. अतिरिक्त पूंजी से उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार आने और सरकार को बेहतर मूल्यांकन हासिल करने में मदद मिलने की उम्मीद है. बता दें कि चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 12 बैंकों ने मुनाफा कमाया है.
पिछले वित्त वर्ष में, सरकार ने पांच पीएसबी में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था. इसमें से ₹11,500 करोड़ पीसीए के तहत तीन बैंकों को दिए गए- यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया. सरकारी फंडिंग का एक बड़ा हिस्सा पुनर्पूंजीकरण बांड के माध्यम से किया गया है.
बैंकों की वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का शुद्ध लाभ बढ़कर 14,012 करोड़ रुपये हो गया था, जो बाद में सितंबर, 2021 में समाप्त तिमाही के दौरान बढ़कर 17,132 करोड़ रुपये हो गया. पिछले वित्त वर्ष के दौरान, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने कुल 58,697 करोड़ रुपये जुटाए थे, जो किसी एक वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा थे. वहीं, जून, 2021 के अंत में इन बैंकों का कैपिटल एडिक्वेसी रेशियो (सीएआर) बढ़कर 14.3 प्रतिशत हो गया, वहीं उनकी प्रोविजन कवरेज रेशियो 84 प्रतिशत के साथ आठ साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था.