केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को कहा कि बैंकों को ग्राहकों की सुविधाओं पर और ध्यान देना चाहिए ताकि लोन लेने वालों के लिए प्रोसेस को ज्यादा सरल किया जा सके. हालांकि वित्त मंत्री ने यह साफ किया कि बैंकों को ग्राहकों को लोन देने को लेकर क्रेडिट अंडरराइटिंग स्टैंडर्ड (Credit Underwriting Standards) के मामले में कोई ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए.
इंडस्ट्री प्रतिनिधियों और वित्त मंत्री के बीच बैठक में बैंकिंग बिजनेस से संबंधित एक स्टार्टअप फाउंडर ने बाधा रहित कर्ज का सुझाव दिया. इस पर एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि स्टार्टअप की चिंता ज्यादा इक्विटी को लेकर है और उन्होंने पर्याप्त इक्विटी होने पर कर्ज देने का भरोसा दिलाया.
बाद में, उन्होंने माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज के लिए सरकार की क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (CGTMSE) का भी जिक्र किया. इस पर सीतारमण ने कहा कि सवाल पूछने वाली महिला इनोवेटिव एंटरप्राइजेज का संचालन कर रही है. उन्होंने बैंकिंग कम्यूनिटी के लिए कुछ सुझाव दिए और उनके रुख को लेकर भी बात की.
खारा ने कहा कि बैंक में डिजिटलीकरण की प्रोसेस बढ़ रही है और पूरी प्रक्रिया को डिजिटल रूप दिया जा रहा है. इससे चीजें आसान होंगी. उन्होंने कहा कि बैंक अगले दो महीने में पूरी तरह से डिजिटल होगा. भरोसेमंद कैश फ्लो को देखते हुए छोटे कारोबार क्षेत्रों के लिए क्रेडिट की ग्रोथ पर्सनल लोन के आंकड़े तक पहुंच सकती है.
अब बेहतर स्थिति में है कंपनियों की बैलेंस शीट
डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विस में भी काम कर चुके रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज ने कहा कि बैंकों को अधिक कर्ज देने और इकोनॉमिक ग्रोथ को समर्थन करने की जरूरतों के बारे में अवगत होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कंपनियों की बैलेंस शीट अब बेहतर स्थिति में है.