अगर आप भी नौकरीपेशा हैं तो एंप्लाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन या ईपीएफओ (Employees’ Provident Fund Organization) में आपका भी अकाउंट होगा, जिसमें आपके वेतन का कुछ हिस्सा जमा होता है. अब पीएफ (PF) नियमों में कुछ नए बदलाव आने वाले हैं. दरअसल, 1 अप्रैल, 2022 से मौजूदा पीएफ अकाउंट्स को दो भागों में बांटने की संभावना है.
1 अप्रैल से इन PF अकाउंट्स पर लगेगा टैक्स
पिछले साल सितंबर में सरकार ने नए इनकम टैक्स नियमों को नोटिफाई किया था, जिसके तहत पीएफ अकाउंट्स को दो भागों में बांटा जाएगा. यह नियम केंद्र को सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा के एंप्लाई कॉन्ट्रिब्यूशन (Employee Contributions) होने की स्थिति में पीएफ इनकम पर टैक्स लगाने की अनुमति देगा. नए नियमों का उद्देश्य हाई इनकम वाले लोगों को सरकारी वेलफेयर स्कीम का फायदा लेने से रोकना है.
1 अप्रैल से लागू होने जा रहे नए PF नियमों के मुख्य बातें-
>> सभी मौजूदा पीएफ अकाउंट्स को टैक्सेबल और नॉन-टैक्सेबल कॉन्ट्रिब्यूशन अकाउंट्स में बांटा जाएगा.
>> सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज यानी सीबीडीटी (CBDT) के मुताबिक नॉन-टैक्सेबल अकाउंट्स में उनका क्लोजिंग अकाउंट भी शामिल होगा क्योंकि इसकी तारीख 31 मार्च, 2021 होती है.
>> आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, नए पीएफ नियम अगले वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल, 2022 से लागू हो सकते हैं.
>> सालाना ₹ 2.5 लाख से ज्यादा के एंप्लाई कॉन्ट्रिब्यूशन से पीएफ इनकम पर नया टैक्स लागू करने के लिए आईटी नियमों के तहत एक नई धारा 9डी शामिल की गई है.
>> टैक्सेबल ब्याज गणना के लिए मौजूदा पीएफ अकाउंट में दो अलग-अलग अकाउंट बनाए जाएंगे.
छोटे टैक्सपेयर्स को फर्क नहीं पड़ेगा
2.5 लाख रुपये की लिमिट का फायदा ज्यादातर पीएफ सब्सक्राइबर्स को होगा. छोटे और मध्यम वर्ग के टैक्सपेयर्स को नए नियम से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. यह मुख्य रूप से हाई इनकम वाले कर्मचारियों को प्रभावित करेगा.