अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban in Afghanistan) के कब्जे के बाद SCO यानी शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organization) की बैठक काफी महत्वपूर्ण हो गई है. 17 सितंबर को SCO के राष्ट्रप्रमुखों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकवाद पर भारत की चिंताओं को संभावित तौर पर सामने रखेंगे. गौर करनेवाली बात है कि प्रधानमंत्री मोदी जब अपनी बात SCO के मंच पर रखेंगे तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी बैठक में मौजूद रहेंगे. ऐसे में अफ़ग़ानिस्तान में बदलाव के सन्दर्भ में अप्रत्यक्ष तौर प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान को बेनकाब कर सकते है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक SCO के राष्ट्रप्रमुखों की 21वीं बैठक को 17 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी वर्चुअली संबोधित करेंगे. पीएम मोदी भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे और दुशांबे में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस अहम बैठक में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर चर्चा संभावित है.
क्या है शंघाई सहयोग संगठन और क्यों है अफ़ग़ानिस्तान के लिये महत्वपूर्ण?
SCO यानी शंघाई सहयोग संगठन में कुल भारत समेत कुल 8 सदस्य हैं. भारत के अलावा चीन, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, किर्जिस्तान इसके सदस्य हैं. जबकि अफगानिस्तान के अलावा ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को पर्यवेक्षक राष्ट्र का दर्जा हासिल है. शंघाई सहयोग संगठन के 8 सदस्य देशों में से 5 ऐसे हैं जिनकी सीमा अफ़ग़ानिस्तान से लगती है.