केंद्रीय गृह और सहकारिता (Ministry of Cooperation) मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पिछले महीने गठित मंत्रालय के संबंध में मंगलवार को संसद में अहम सवालों के जवाब दिए. लोकसभा में कांग्रेस सांसद एंटो एंटनी द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र सरकार राज्यों में काम कर रही प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को सहकारिता मंत्रालय के दायरे में लाएगी और क्या सरकार ने मेडिकल कॉलेजों और बैंकों पर आंशिक नियंत्रण करने का फैसला किया है, शाह ने कहा- ‘जी नहीं.’ शाह ने भारत सरकार (अलोकेशन ऑफ बिजनेस) नियम, 1961 सहकारिता मंत्रालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि संबंधित मंत्रालय संबंधित क्षेत्रों में सहकारिता के लिए जिम्मेदार रहेंगे.
लोकसभा में शाह ने मंत्रालय के आदेश के आधार पर कहा- ‘मंत्रालय का उद्देश्य सहयोग से समृद्धि तक के दृष्टिकोण को साकार करना, देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करना और जमीनी स्तर तक पहुंचना और देश में सहकारी आधारित आर्थिक विकास मॉडल को बढ़ावा देना और सदस्यों के बीच जिम्मेदारी की भावना को विकसित करना शामिल है.’ आदेश में सहकारी समितियों के लिए उपयुक्त नीति, कानूनी और संस्थागत ढांचे का निर्माण, राष्ट्रीय सहकारी संगठन और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम से संबंधित मामले भी शामिल हैं.
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने केंद्र सरकार ने सहकारिता मंत्रालय के रूप में अलग से मंत्रालय का गठन किया. इस विभाग की जिम्मेदारी गृह मंत्री अमित शाह को दी गई. यह मंत्रालय देश में सहकारी समितियों के हितों की देखरेख और उनके उत्थान के लिए काम करेगा. मंत्रालय को एक अलग से प्रशासनिक, विधिक और नीतिपरक ढांचा दिया जाएगा जिससे देश में सहकारिता आंदोलन को एक मजबूत दिशा दी जा सके. सरकार का कहना है कि इस मंत्रालय को सहकार से समृद्धि के विजन के साथ बनाया गया है.