बिहार में ब्लैक फंगस का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। 65 साल के एक मरीज के ब्रेन में ब्लैक फंगस बड़े ट्यूमर के साथ मिलकर एक्टिवेट हो रहा था। ब्लैक फंगस और ट्यूमर के कॉम्बीनेशन से मौत भी हो सकती थी। हालांकि, इसके पहले ही इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) के डॉक्टरों ने इसे डिटेक्ट कर लिया और 3 घंटे के ऑपरेशन के बाद मरीज की जान बचा ली।
न्यूरो सर्जन डॉ. ब्रजेश ने बताया कि ऐसा केस पहले कभी नहीं देखा गया। बिहार में यह ऐसा पहला मामला है। इससे पहले ऐसा केस ऑपरेट नहीं हुआ है। ऑपरेशन करने वाली डॉक्टरों की टीम ने बताया कि उनके सामने पहला ऐसा मामला आया है, जिसमें ब्लैक फंगस का ट्यूमर कनेक्शन था। यह काफी जटिल और जानलेवा था। ऑपरेशन पूरी तरह से सफल रहा। डॉक्टरों का कहना है कि पहले से जिन्हें ट्यूमर है और ब्लैक फंगस का कोई लक्षण है तो तुरंत चेक करा लें। लेट होने पर खतरा बढ़ जाता है।
65 साल के मरीज के ब्रेन में थी बीमारी
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती छपरा के 65 साल के मरीज की जांच में ब्लैक फंगस डिटेक्ट हुआ था। दिन-प्रतिदिन उसकी हालत खराब हो रही थी। डॉक्टर उस वक्त चौंक गए, जब मरीज के सिर में बड़े से ट्यूमर का ब्लैक फंगस का कॉम्बीनेशन पता चला। जांच में ट्यूमर और ब्लैक फंगस डिटेक्ट होने के बाद डॉक्टरों ने सर्जरी को लेकर मंथन करना शुरू कर दिया।
केस काफी जटिल था और ब्लैक फंगस के साथ ही ट्यूमर था। दोनों आपस में जुड़ गए थे, जिससे जानलेवा कॉम्बीनेशन तैयार हो रहा था। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के न्यूरो सर्जन डॉ. ब्रजेश ने ऑपरेशन का निर्णय लिया।
पूरी टीम जुटी और चौंकाने वाला रिजल्ट आया
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के न्यूरो सर्जन डॉ. ब्रजेश कुमार ने ENT के साथ अन्य विभाग के डॉक्टरों के साथ ऑपरेशन की पूरी तैयारी की। इसके बाद 65 साल के मरीज के ब्रेन की ओपन सर्जरी की गई। मरीज के ब्रेन में बड़ा प्यूट्रेटर ट्यूमर था। उसके साथ-साथ म्यूकर भी था। म्यूकर प्यूट्रेटर ट्यूमर की तरफ पूरी तरह से बड़ा था, जिसने काफी खतरनाक रूप ले लिया था। प्यूट्रेटरी ट्यूमर काफी बड़ा था और पहले से था। इसके बाद ब्लैक फंगस भी हो गया। म्यूकर साइनस से होकार प्यूटेटर की तरफ पहुंच गया था।
देर होती तो नहीं बचती जान
डॉ. ब्रजेश का कहना है कि ऐसे मामलों में मरीज को तत्काल ऑपरेशन की जरूरत होती है। ऐसा नहीं होने से मरीज की मौत हो जाती है। बड़े प्यूरेटर ट्यूमर के साथ ब्लैक फंगस का संक्रमण ब्रेन को पूरी तरह खराब कर रहा था। इमरजेंसी ऑपरेशन में पूरी टीम ने मिलकर मरीज की जान बचाई है। यह पूरी टीम के लिए नया और अनोखा अनुभव रहा है, क्योंकि ऐसा मामला पहले कभी आया ही नहीं। ओपन ब्रेन सर्जरी से बाहर निकालकर मरीज की जान बचा ली गई है।
IGIMS में ब्रेन सर्जरी से ब्लैक फंगस को दी जा रही मात
IGIMS के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि ब्लैक फंगस के मरीजों की सर्जरी कर उनकी जान बचाई जा रही है। ऐसे जटिल से जटिल ऑपरेशन किए जा रहे हैं, जो अपने आप में स्पेशल केस रहे हैं। डॉक्टरों की टीम पूरी तरह से एक्टिव है और हर केस पर पूर्व में अच्छे से स्टडी और फिर प्लानिंग कर ऑपरेशन कर रही है। इससे मरीजाें को बड़ी राहत मिल रही है।
अब तक 8 ब्रेन सर्जरी ब्लैक फंगस के केस में की जा चुकी है। इसमें से कई केस में ब्रेन की ओपन सर्जरी भी की गई है। ऑपरेशन के बाद संक्रमित मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हैं।