केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) ने कोरोना महामारी (Corona Virus Pandemic) के दौर में सरकारी पेय (बीवरेज) निगम की शराब की दुकानों के सामने भीड़-भाड़ होने को लेकर बृहस्पतिवार को राज्य सरकार की खिंचाई की और निगम के प्रबंध निदेशक एवं राज्य के आबकारी आयुक्त को भीड़ को कम करने के लिए उठाए गये कदमों के बारे में एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने मामले की सुनवाई की. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौर में शराब की दुकानों पर ग्राहकों की लंबी लंबी कतारें लगी हुई हैं.
न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने कहा कि दुकानों पर भीड़ भी लगी हुई है. सार्वजनिक स्थानों एवं सड़कों पर मद्यपान निश्चित की समाज की प्रतिष्ठा पर ठेस है. अदालत ने राज्य सरकार से यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ग्राहकों को पर्याप्त सुविधाएं दी जाएं ताकि उनके सामने किसी अन्य वस्तु की तरह शराब भी सभ्य तरीके से खरीदने का विकल्प हो. न्यायमूर्ति रामचंद्रन ने कहा कि इस अदालत का प्रयास कोई कमी ढूंढना नहीं बल्कि लगातार बनी समस्या का प्रभावी तरीके हल सुनिश्चित करना है जिससे राज्य सालों से जूझ रहा है.
अदालत ने कहा कि महामारी का प्रसार वायुकणों के माध्यम से होता है, ऐसे में लोगों के बीच एक मीटर की दूरी बनाए रखना अनिवार्य है. उसने कहा कि दुकानों के सामने लंबी लंबी लाइनें ऐसे समय में लग रही हैं जब महामारी का संक्रमण दर अभी बढ़ ही रही है. अदालत ने राज्य सरकार को भीड़ कम करने के लिए उठाए गये कदमों के बारे में 13 जुलाई से पहले हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.
अदालत दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिनमें राज्य सरकार को महामारी के दौर में शराब की दुकानों के बाहर भीड़ कम करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.