गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अगुवाई में एक केंद्रीय टीम पश्चिम बंगाल जाएगी और चक्रवात ‘यास’ से हुए नुकसान का आकलन करेगी. इससे कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चक्रवात से हुए नुकसान को लेकर समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अनुपस्थित रहने पर विवाद शुरू हो गया था.
चक्रवात ‘यास’ 26 मई को ओडिशा पहुंचा था और इससे ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई हिस्से प्रभावित हुए थे. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अगुवाई में एक केंद्रीय टीम चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन करने तीन दिन के पश्चिम बंगाल दौरे पर जाएगी.
चक्रवात से 20,000 करोड़ रुपये की संपत्ति और फसल को नुकसान हुआ
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा था कि आरंभिक आकलन के अनुसार चक्रवात से अनुमानित तौर पर 20,000 करोड़ रुपये की संपत्ति और फसल को नुकसान हुआ. मुख्यमंत्री बनर्जी ने यह भी कहा था कि चक्रवात से 18 लाख लोग प्रभावित हुए और 2.21 लाख हेक्टेयर खेतों में खड़ी फसल और बागवानी से जुड़ा 71,560 हेक्टेयर क्षेत्र जलमग्न हो गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई को पश्चिम बंगाल के चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया था और बाद में कलाईकुंडा वायु सेना स्टेशन पर समीक्षा बैठक की थी. मुख्यमंत्री और तत्कालीन मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने कुछ मिनट के लिए प्रधानमंत्री से भेंट की लेकिन बैठक में नहीं आए थे. इसके बाद कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने केंद्र सरकार में सेवा देने के लिए बंदोपाध्याय को तलब किया था. हालांकि, बंदोपाध्याय दिल्ली नहीं आए और 31 मई को सेवानिवृत्त हो गए.