पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान सीतलकुची में सीआईएसएफ जवानों की तरफ से कथित तौर पर फायरिंग के दौरान राज्य की सत्ताधारी टीएमसी समर्थकों की हुई मौत को लेकर ममता सरकार ने जांच के लिए एसआईटी गठित किया है. पश्चिम बंगाल सीआईडी ने सीआरपीसी की धारा 160 के अंतर्गत 4 सीआईएसएफ, 1 सीआईएसएफ इंस्पेक्टर और 1 सीआईएसएफ डिप्टी कमांडेंट को मंगलवार यानी कल सीआईडी मुख्यालय में पेश होने को कहा है.
सीआईडी को नोटिस पर भड़के शुभेंदु अधिकारी
इधर, बंगाल सीआईडी की तरफ से सीआईएसएफ के जवानों को नोटिस के बाद भारतीय जनता पार्टी राज्य सरकार पर हमलावर है. बीजेपी के नेता और नंदीग्राम से ममता बनर्जी को हराकर विधानसभा पहुंचे शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. शुभेंदु ने कहा कि बंगाल सीआईडी को यह अधिकार नहीं है कि वह सीआईएसएफ को समन भेज सके.
कैलाश विजयवर्गीय का टीएमसी पर निशाना
इधर, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सीआईएसएफ जवानों को समन करने के लेकर ममता सरकार पर धावा बोला. उन्होंने कहा- जैसे CPM खत्म हो गई है वैसे ही TMC बंगाल में खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सीआईडी राजनीति से प्रेरित होकर काम कर रही है और मैं यह समझता हूं कि सीआईडी को सीआईएसएफ के लोगों को समन करने का कोई अधिकार नहीं है.
10 अप्रैल को सीतलकुची में हुई फायरिंग
शुभेंदु ने आगे कहा कि यह सब ममता बनर्जी और राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के इशारे पर किया जा रहा है. गौरतबल है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान 10 अप्रैल को हिंसक घटनाएं हुई थी. इस दौरान सीआईएसएफ के जवानों की तरफ से कथित फायरिंग में नागरिकों की मौत हुई थी. यह चुनाव के दौरान भी बड़ा मुद्दा बना था. इसके लेकर लगातार ममता बनर्जी केन्द्र सरकार पर हमलावर रही थी.