कोरोना से संक्रमित (Corona Virus) मरीजों के इलाज में कारगर रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की कालाबाजारी की खबरें जगह-जगह से आ रही हैं. इसी कड़ी में अब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में पुलिस ने नकली लेबल लगाकर रेमडेसिविर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस कमिश्नर डी.के ठाकुर ने बताया कि अमीनाबाद पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है जो एक सस्ते इंजेक्शन पर रेमडेसिविर इंजेक्शन का लेबल लगाकर उसे 15 से 20,000 रुपए में बेचते थे.
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि यह गिरोह 700 से
ज्यादा फर्जी रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचकर लोगों को ठग चुका है और मरीजों की जान को भी संकट में डाल चुका है. यह गिरोह 98 रुपये के PPT 4.5 GM इंजेक्शन पर रेमडेसिविर इंजेक्शन का लेबल लगाता था.
बताया जा रहा है कि रेमडेसिविर के एक इंजेक्शन की कीमत 4,800 रुपए होती है जिसे यह गिरोह 15 से 20,000 रुपए में जरूरतमंदों को बेचता था. गिरोह के शातिर सदस्य रेमडेसिविर के नाम पर कई लोगों से ठगी कर मरीजों की जान को खतरे में डाल चुके हैं. पुलिस ने आरोपियों से रेमडेसिविर इंजेक्शन की 59 शीशी, PPT 4.5 GM के 240 पैकेट इंजेक्शन, रेमडेसिविर इंजेक्शन के 4,224 लेबल और बिक्री के 85,840 भी बरामद हुए हैं .
पुलिस गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेजने की तैयारी कर रही है. पुलिस कमिश्नर डी.के ठाकुर ने बताया कि हिरासत में पूछताछ के दौरान इन आरोपियों से कई अहम जानकारियां मिली हैं जिसके आधार पर इस रैकेट से जुड़े हुए कुछ और लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि कोरोना काल में लखनऊ पुलिस ने पिछले दिनों रेमडेसिविर इंजेक्शन, फेबीफ्लू टेबलेट, ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी और धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. पुलिस कमिश्नर डी.के ठाकुर ने बताया कि इस तरह की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी.