पुलवामा हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच औपचारिक वार्ताएं बंद हैं. भारत (India) स्पष्ट कर चुका है कि जब तक पाकिस्तान (Pakistan)आतंकवाद को बढ़ावा देता रहेगा उससे बातचीत संभव नहीं है. अभी तक पाकिस्तान भी वार्ता के खिलाफ ही बयान देता रहा है. लेकिन पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान ने अचानक अपनी रणनीति इस तरह बदली है कि हमेशा युद्ध की धमकी देने वाले देश ने अब भारत के साथ वार्ता की पैरवी करनी शुरू कर दी है. अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा है कि उनका देश भारत से बातचीत के जरिए मतभेदों को दूर करने के लिए तैयार है.
हालांकि, कुरैशी ने यह भी कहा कि अगर भारत 5 अगस्त 2019 के अपने फैसले पर फिर से विचार करे तो पाकिस्तान उसके संग वार्ता को तैयार है. बता दें कि इस दिन भारत ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया था और उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया था. कुरैशी तुर्की के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने एक इंटरव्यू में यह बयान दिया है. उन्होंने कहा, ‘अगर भारत अपने 5 अगस्त 2019 को लिए फैसले पर फिर से विचार करने को तैयार है तो पाकिस्तान को उससे वार्ता के जरिए समस्याएं सुलझाने में बहुत खुशी होगी.’
पाकिस्तान कई बार भारत से युद्ध की धमकी दे चुका है. हालांकि, इंटरव्यू के दौरान कुरैशी के सुर एकदम बदले हुए नजर आए. उन्होंने कहा, ‘हम युद्ध का जोखिम नहीं उठा सकते. यह दोनों पक्षों के लिए आत्मघाती होगा और कोई भी समझदार व्यक्ति युद्ध की पैरवी नहीं करेगा. इसलिए हमे बैठकर बातचीत करने की जरूरत है.’ कुरैशी ने यह भी आरोप लगाए कि पाकिस्तान नहीं बल्कि भारत वार्ता से पीछे भाग रहा है. कुरैशी ने कहा कि 5 अगस्त 2019 को लिया भारत का फैसला अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के खिलाफ है.
बता दें कि भारत में कोरोना संकट पैदा होने के बाद पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने मदद की पेशकश की थी. पीएम मोदी ने भी पाकिस्तान के नेशनल डे पर इमरान खान को संदेश भेजा था.