भारत विदेशी कंपनियों पर सबसे कम सिर्फ 2% ही डीएसटी टैक्स (DST Tax) वसूलेगी. यह टैक्स उन कंपनियों पर लागू होने जा रहा है, जिनका सालाना टर्न ओवर 2 करोड़ रुपए से अधिक है, जबकि इंडोनेशिया जैसे देश डिजिटल प्रोडक्ट्स पर 10% डीएसटी वसूलती है.
भारत के डिजिटल सर्विस टैक्स (DST Tax) से अमेरिका (US) सहित दुनिया के कई देशों में बौखलाहट शुरू हो गई है. बता दें कि भारत में विदेशी कंपनियां सारा मुनाफा अपने देश ले जा रही थीं, लेकिन अब मोदी सरकार (Modi Government) ने उनको डीएसटी देने के लिए कह दिया तो उन देशों में बौखलाहट शुरू हो गई है. भारत ने महज 2 प्रतिशत ही डीएसटी विदेशी कंपनियों पर लगाया है. भारत द्वारा डीएसटी लगाए जाने से खासतौर पर अमेरिका बौखला गया है. अमेरिकी प्रशासन इसे अपने हितों के खिलाफ बता रहे हैं. अब अमेरिकी कांग्रेस में इसक लेकर बहस होगी. हालांकि, कांग्रेस रिसर्च सर्विस की रिपोर्ट की मानें तो भारत के अलावा फ्रांस, इटली, स्पेन, ब्रिटेन, तुर्की और इंडोनेशिया भी डीएसटी टैक्स लेते हैं.
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिरकार डीएसटी को लेकर खासतौर पर अमेरिका ने क्यों तूफान खड़ा कर रखा है? डीएसटी को लेकर दुनिया के दूसरे देशों में क्या हैं नियम? भारत में अब लागू हो जाने के बाद स्थिति कैसे बदलेगी?
किन-किन देशों में डीएसटी लगता है
ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव-यूएसटीआर ने दुनिया के कुछ देशों में लगाए डीएसटी टैक्स की जांच की है. इस जांच में पता चला है कि भारत के अलावा फ्रांस, इटली, स्पेन, ब्रिटेन, तुर्की और इंडोनेशिया भी जीएसटी लेते हैं, जबकि ब्राजील, चेक गणराज्य और यूरोपिय संघ भी इस टैक्स को अपने यहां लागू करने जा रहे हैं.
सिर्फ 2% ही डीएसटी वसूलेगी भारत
भारत विदेशी कंपनियों पर सबसे कम सिर्फ 2% ही डीएसटी वसूलेगी. यह टैक्स उन कंपनियों पर लागू होने जा रहा है, जिनका सालाना टर्न ओवर 2 करोड़ रुपए से अधिक है, जबकि इंडोनेशिया जैसे देश डिजिटल प्रोडक्ट्स पर 10% डीएसटी वसूलती है. इसी तरह इटली 3%, स्पेन 3% और ब्रिटेन 2% डीएसटी वसूलता है.
क्या डिजिटल कंपनियों के साथ भेदभाव होगी?
यूएसटीआर रिपोर्ट में पता चला है कि डीएसटी के खिलाफ तीन आरोप सामने आए हैं. पहला यह व्यवस्था अमेरिकी डिजिटल कंपनियों के खिलाफ भेदभाव करती है. दूसरा, यह टैक्स अंतरराष्ट्रीय कराधान के सिद्धांत के खिलाफ है. तीसरा, अमेरिकी वाणिज्यिक हितों पर बोझ डालती है.
सिर्फ 2% ही डीएसटी वसूलेगी भारत
भारत विदेशी कंपनियों पर सबसे कम सिर्फ 2% ही डीएसटी वसूलेगी. यह टैक्स उन कंपनियों पर लागू होने जा रहा है, जिनका सालाना टर्न ओवर 2 करोड़ रुपए से अधिक है, जबकि इंडोनेशिया जैसे देश डिजिटल प्रोडक्ट्स पर 10% डीएसटी वसूलती है. इसी तरह इटली 3%, स्पेन 3% और ब्रिटेन 2% डीएसटी वसूलता है.
क्या डिजिटल कंपनियों के साथ भेदभाव होगी?
यूएसटीआर रिपोर्ट में पता चला है कि डीएसटी के खिलाफ तीन आरोप सामने आए हैं. पहला यह व्यवस्था अमेरिकी डिजिटल कंपनियों के खिलाफ भेदभाव करती है. दूसरा, यह टैक्स अंतरराष्ट्रीय कराधान के सिद्धांत के खिलाफ है. तीसरा, अमेरिकी वाणिज्यिक हितों पर बोझ डालती है.
अमेरिका इन देशों के द्वारा लगाए डिजिटल टैक्स को लेकर एक अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस करना चाह रही है. यह कॉन्फ्रेंस दिसंबर 2020 में ही होना था, लेकिन कोरोना संकट के कारण इसको टाल दिया गया है. विश्व के 130 देश बहुत जल्द ही डीएसटी को लेकर बैठक करने वाले हैं.