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क्वाड की बैठक, अमेरिका की सख्ती, साउथ चाइन सी में घिरने लगा है ड्रैगन!

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क्वाड (QUAD) नेताओं की बैठक के पहले अमेरिका के ताकतवर सीनेटरों (US Senators) ने कई प्रस्तावों के जरिए चीन की आलोचना की है. दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में चीन की दादागीरी का सख्त शब्दों में जवाब दिया गया है. वहीं बीजिंग की आर्थिक गतिविधियों से निपटने के लिए भी प्रस्ताव पेश किया है.

साउथ चाइना सी (South China Sea) में चीन की दादागीरी को रोकने के लिए अमेरिका पूरी तरह से एक्टिव हो गया है. ड्रैगन इस इलाके में अपने पड़ोसी देशों को लगातार धमकाता रहता है. इस बीच भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का गठबंधन क्वाड (QUAD) की भी कुछ दिनों में बैठक होने वाली है. इस बैठक में एशिया-प्रशांत क्षेत्र (Asia-Pacific Region) में गठबंधन की मजबूती और अन्य मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है. दूसरी तरफ, अमेरिका की जो बाइडेन सरकार चीन के खिलाफ लगातार सख्ती दिखा रही है.

अमेरिका के प्रभावशाली सीनेटरों (US Senators) ने सीनेट में कई प्रस्ताव पेश कर दक्षिण चीन सागर में बढ़ती सैन्य गतिविधियों के लिए चीन की आलोचना की है. साथ ही बीजिंग की आर्थिक गतिविधियों से निपटने के लिए भी प्रस्ताव पेश किया है जिससे वैश्विक बाजार के साथ-साथ अमेरिकी व्यवसाय को नुकसान होता है.

सीनेटर रिक स्कॉट, जोश हाउले, डैन सुलीवान, थॉम टिलीस और रोजर विकर ने बुधवार को प्रस्ताव पेश किया. पहले प्रस्ताव में अमेरिका की नौसेना और तटरक्षक बल के प्रयासों की सराहना की गई जिसमें उन्होंने नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित की और स्पष्ट संदेश दिया कि चीन की वैध समुद्री सीमा के परे उसकी विस्तारवादी नीतियों को अमेरिका बर्दाश्त नहीं करेगा.

स्कॉट ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना ने दक्षिण चीन सागर का सैन्यीकरण जारी रखा है और क्षेत्र में अपनी सीमाओं को बढ़ाने के दावे के लिए इच्छुक दिखता है.
‘चीन की अवैध कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है’
उन्होंने कहा, ‘इस आक्रामक एवं अवैध कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. मैं यह प्रस्ताव पेश करते हुए फख्र महसूस करता हूं कि अमेरिका की नौसेना और तटरक्षक बल हमारी स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए काम कर रहे हैं और महासचिव शी को स्पष्ट संदेश दिया है कि उनका आक्रामक रवैया जारी नहीं रह सकता.’ सुलीवान ने आरोप लगाए कि हाल के वर्षों में चीन ने अपने पड़ोसी शांतिप्रिय देशों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाइयां की हैं ताकि अपने प्रभाव का विस्तार कर सके और दक्षिण चीन सागर में नियमों को तोड़ सके.

‘दक्षिण चीन सागर पर संप्रभुता का चीन का दावा गलत है, इससे अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को खतरा’
टिलीस के मुताबिक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनात अमेरिकी सशस्त्र बलों के बहादुर सैनिक दक्षिण चीन सागर जैसे महत्वपूर्ण व्यावसायिक कोरीडोर तक पहुंच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. विकर ने कहा, ‘दक्षिण चीन सागर पर संप्रभुता का चीन का दावा गलत है और इससे अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को खतरा है। अनधिकृत विस्तार के लिए अमेरिका, बीजिंग को जिम्मेदार ठहराए और मैं अमेरिकी नौसेना एवं तटरक्षक बलों की प्रशंसा करता हूं जो प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं.’

इसी तरह से आठ रिपब्लिकन सांसदों के एक समूह ने बुधवार को चाइना एक्ट से जुड़े व्यापार, क्षेत्रीय गठबंधन, प्रौद्योगिकी और आर्थिक एवं भू-राजनैतिक पहल (स्ट्रैटजिक एक्ट) को फिर से पेश किया ताकि चीन के साथ अमेरिकी प्रतियोगिता के लिए एक व्यापक रणनीति को आगे बढ़ाया जा सके. स्ट्रैटजिक एक्ट का मुख्य प्रावधान चीन की आर्थिक गतिविधियों से निपटना है जिनके कारण वैश्विक बाजार और अमेरिकी व्यवसाय को नुकसान होता है.

कल पहली बार चर्चा करेंगे 4 देशों के प्रमुख
गौरतलब है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन और जापान पीएम योशिहिडे सुगा शुक्रवार को क्वाड मीटिंग में शामिल होने जा रहे हैं. खास बात है कि चारों देशों के क्वाड समूह की पहली बैठक होगी. चारों लीडर वर्चुअल तरीके से इस चर्चा में शामिल होंगे. माना जा रहा है कि इस मुलाकात में चारों राष्ट्रों के बीच कोरोना वायरस वैक्सीन और सुरक्षा समेत कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.

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