मध्य प्रदेश में कोरोना काल में शिवराज सरकार का एक फ़ैसला सरकार के लिए मुश्किल खड़ा कर रहा है. कोरोना के दौर में जनता को बीमारी से बचाने और बीमारी से लड़ने के लिये त्रिकुट काढ़ा बांटा गया. विधानसभा में सरकार ने विधायक जीतू पटवारी के सवाल के जवाब में बताया की जनता को पचास ग्राम के छह करोड़ पेकेट बांटे गये जिसकी क़ीमत तीस करोड़ चौंसठ लाख रुपये है. इस बड़ी क़ीमत पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किये.
त्रिकुट काढ़ा को लेकर जीतू पटवारी कहते हैं, ”ये जनता की गाढ़ी कमाई का काढ़ा निकाल कर सरकार ने गरीब जनता का उल्लू बनाया है. सरकार इस पूरे मामले की जांच कराये.” दरअसल ये त्रिकुट नाम का ये आयुर्वेदिक काढ़ा सरकार के वन विभाग के उपक्रम लघु वनोपज संघ ने बनाया है. जिस पर अब सवाल उठ रहे हैं.
सरकार का दावा था कि ये काढ़ा आम जनता को मुफ़्त बांटा गया. कांग्रेस के आरोप पर सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विस्वास सारंग ने समर्थन किया और कहा सरकार आम जनता की भलाई के लिए कितने भी पैसा खर्च करने को तैयार है.
उधर सरकार का दावा है की मध्य प्रदेश में क़ोरोना काल में 3855 लोंगों की मौत हुई है. ये मौतें कोरोना संक़्रमण के लिहाज़ से बहुत कम है. सरकार के मंत्री इसका श्रेय भी काढा और सरकार के दूसरे उपायों को मान रहे हैं.