मध्य रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने कई व्यक्तिगत आईडी का उपयोग करके ई-टिकटों का दोहन और विशेष ट्रेनों में आरक्षित बर्थों के बारे में मिली शिकायतों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है. आरपीएफ की टीम ने साइबर सेल और अन्य खुफिया सूचनाओं से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर छापेमारी भी की है. ये छापे मध्य रेल के सभी पांच मंडलों में डाले गए. सेंट्रल रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी एके सिंह ने बताया कि, ”साल 2020 के दौरान, रेलवे सुरक्षा बल, मध्य रेल ने रेलवे अधिनियम के प्रावधानों के तहत 466 मामले दर्ज किए हैं. जिनमे 14, 343 टिकट जब्त किए गए तथा 2.78 करोड़ रुपये की कीमत के 14,065 लाइव ई-टिकट और 278 काउंटर टिकट मिले. रेलवे ने 492 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया.”
मध्य रेल की ओर से दर्ज किए गए इन 466 मामलों में मुंबई मंडल में टाउंटिंग के 253 मामले और 1.43 करोड़ रुपये कीमत के 6,863 लाइव ई-टिकट सहित 7,002 टिकट और 139 काउंटर टिकट आरोपियों के पास से जब्त किए गए और 262 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया.
सेंट्रल रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी एके सिंह ने बताया, ”अधिकृत यात्रियों के हितों की सुरक्षा के लिए और स्क्रिप्टिंग सॉफ़्टवेयर के उपयोग सहित असामाजिक तत्वों की अनधिकृत टिकटिंग गतिविधियों को रोकने के लिए इन जांचों को तेज किया गया है.”
बता दें कि रेलवे टिकटों की खरीद और आपूर्ति के कारोबार को अनधिकृत रूप से करना रेलवे अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ है. इस तरह की अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए गए व्यक्तियों को रेलवे अधिनियम में निर्धारित कानूनी प्रावधानों के अनुसार दंडित किया जाता है.