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वित्त मंत्री सीतारमण ने RBI डायरेक्टर्स की बैठक को किया संबोधित, जानें क्या था खास

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के केंद्रीय बोर्ड को सरकार की प्राथमिकताओं से अवगत कराया है. आम बजट के बाद आरबीआई बोर्ड की यह पहली बैठक थी जो वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से हुई.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के केंद्रीय बोर्ड को सरकार की प्राथमिकताओं से अवगत कराया है. आम बजट के बाद आरबीआई बोर्ड की यह पहली बैठक थी जो वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से हुई. इस बैठक में केंद्रीय बजट 2021-22 के मुख्य बिंदुओं की रूपरेखा और राजकोषीय समेकन के रोडमैप पर भी चर्चा हुई. आपको बता दें परंपरा के मुताबिक, वित्त मंत्री हर साल बजट प्रस्तुति के बाद आरबीआई तथा बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के बोर्ड सदस्यों के साथ बैठक करती हैं.

आरबीआई ने एक बयान में कहा कि वित्त मंत्री ने आरबीआई केंद्रीय बोर्ड की 587वीं बैठक को संबोधित किया है. इस बैठक में वित्तमंत्री ने सदस्यों को बजट में महत्वपूर्ण पहल तथा सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में बताया है.

दिए गए कई सुझाव
बजट पर वित्त मंत्री की सराहना करते हुए बोर्ड के सदस्यों ने सरकार के विचार के लिए कई सुझाव दिए हैं. केंद्रीय निदेशक मंडल ने 2021-22 के बजट की प्रस्तुति के बाद अपनी पहली बैठक में वर्तमान आर्थिक स्थिति की भी समीक्षा की. बयान में कहा गया कि बोर्ड ने अपनी बैठक में वर्तमान आर्थिक स्थिति, वैश्विक व घरेलू चुनौतियों और रिजर्व बैंक के संचालन के विभिन्न क्षेत्रों की समीक्षा की, जिसमें बैंकों में शिकायत पैनल को मजबूत करने के तरीके भी शामिल हैं.

ये लोग रहे बैठक में शामिल
मंगलवार को हुई बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने की. बोर्ड में सरकार के नामित निदेशक ‘वित्तीय सेवा सचिव देबाशीष पांडा और आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज’ भी बैठक में शामिल हुए. सीतारमण के अलावा, वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, वित्त सचिव अजय भूषण पांडे और निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडे भी मौजूद थे.

आपको बता दें 1 फरवरी को सीतारमण ने देश का बजट पेश किया था, जिसमें राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था. इसके अलावा इस घाटे को मार्च 2026 में समाप्त फाइनेंशियल ईय़र में 4.5 फीसदी पर लाने का लक्ष्य रखा गया है.

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