नई-दिल्ली, आम बजट में परिलक्षित हो रहा है कि सरकार एक मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली और जन केंद्रित प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो कि गाँव-गरीब के नजदीक हो। आयुष्मान भारत के तहत सरकार ने आज जिन दो दूरगामी पहलों की घोषणा की है, वे 2022 तक नए भारत का निर्माण करेंगी, इससे संवर्धित उत्पादकता कल्याण में वृद्धि होगी और इनसे मजदूरी की हानि और दरिद्रता से बचा जा सकेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 में भारत की स्वास्थ्य प्रणाली की नींव के रूप में स्वास्थ्य और आरोग्य केंद्रों की परिकल्पना की गई है। ये 1.5 लाख केंद्र, स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को लोगों के घरों के नजदीक लाएंगे। ये स्वास्थ्य केंद्र असंचारी रोगों और मातृत्व तथा बाल स्वास्थ्य सेवाओं सहित व्यापक स्वास्थ्य देखरेख उपलब्ध कराएंगे। यह केंद्र आवश्यक दवाइयां और नैदानिक सेवाएं भी मुफ्त उपलब्ध रहेंगे। आयुष्मान भारत के तहत दूसरा कार्यक्रम स्वास्थ्य संरक्षण योजना है। ज्ञात हो देश में लाखों परिवारों को अस्पतालों में अंतरंग इलाज कराने के लिए उधार लेना पड़ता है या संपत्तियां बेचनी पड़ती हैं, सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना के तहत 11 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रूपए तक का इलाज हेतु कवरेज दिया जा रहा है, इस योजना के लिए इस वर्ष 2000 करोड़ रूपए का आवंटन किया गया है। राज्यों के पास इस योजना को लागू करने के लिए ट्रस्ट मॉडल या बीमा कम्पनी आधारित मॉडल अपनाने का विकल्प है, इसमें ट्रस्ट मॉडल को प्राथमिकता दी जाएगी। आयुष्मान भारत के तहत ये दो दूरगामी पहले वर्ष 2022 तक एक नए भारत का निर्माण करेंगी और इनमें संवर्धित उत्पदकता, कल्याण में वृद्धि होगी और इनसे मजदूरी की हानि और दरिद्रता से बचा जा सकेगा। इन योजनाओं से, खासकर महिलाओं के लिए रोजगार के लाखों अवसर सृजित होंगे। सरकार सर्वजन स्वास्थ्य कवरेज के लिए स्थायी रूप से किन्तु निश्चित रूप से उत्तरोत्तर अग्रसर है। गुणवत्तायुक्त चिकित्सा, शिक्षा और स्वास्थ्य देख-रेख की पहुंच में और वृद्धि करने के उद्देश्य से, हम देश में मौजूद जिला अस्पतालों को अपग्रेड करके 24 नए सरकारी चिकित्सा कॉलेजों और अस्पतालों की स्थापना करेंगे। इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक 3 संसदीय क्षेत्रों के लिए कम से कम एक चिकित्सा कॉलेज और देश के प्रत्येक राज्य में कम से कम एक सरकारी चिकित्सा कालेज है। इसके अतिरिक्त सिक्किम में सरकारी चिकित्सा कॉलेज की स्थापना की जाएगी क्योंकि वहां अभी एक भी सरकारी चिकित्सा कॉलेज नहीं है। उपरोक्त पहलों के लिए केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी क्रमश: 60:40 होगी। साथ ही किसानो कि आय बढाने के लिए समर्थन मूल्य भी डेढ़ गुना करने की पहल हुई है, यह मोदी सरकार दूरगामी परिणामों को देखते हुए इस पांच वर्षीय शासन अवधि का अंतिम बजट है, मध्यम वर्ग के स्थान पर गाँव, किसानों और गरीब की स्वास्थ्य रक्षा को सुधारने एक केन्द्रित कदम कहा जा सकता है।
केंद्र सरकार का आम बजट, जन प्राथमिक स्वास्थ्य के लिए अधिक केंद्रित।
आम बजट 2018-19