आम आदमी को महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद आगे भी नहीं दिख रही है. 1 अप्रैल से शुरू हो रहे है नए वित्त वर्ष यानी 2023-24 में लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम में बढ़ोतरी हो सकती है. इंश्योरेंस कंपनियां के पास अब कमीशन और मैनेजमेंट के खर्चों पर इंश्योरेंस रेगुलेटर इरडाई (Irdai) के नए नियमों के अनुसार एजेंटों को कमीशन का भुगतान करने की छूट है. ऐसे में लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की डिस्ट्रीब्यूशन कॉस्ट बढ़ने की संभावना है क्योंकि इंटरमेडियरी (थर्ड पार्टी) प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूशन के लिए ज्यादा कमीशन की मांग कर सकते हैं.
लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के लिए डिस्ट्रीब्यूशन कॉस्ट, जो बैंकों द्वारा प्रमोटेडेट नहीं हैं, हायर कमीशन पेआउट में बढ़ोतरी हो सकती हैं. बैंकों द्वारा प्रमोटेडेट डिस्ट्रीब्यूशन कॉस्ट पर कम प्रभाव पड़ने की संभावना है.
डिस्ट्रीब्यूशन के लिए ज्यादा कमीशन की मांग कर सकते हैं इंटरमेडियरी
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के साथ बातचीत में लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”मैनेजमेंट के खर्च पर ओवरऑल कैप के तहत इंटरमेडियरी को देय हायर कमीशन के कारण लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों की डिस्ट्रीब्यूशन कॉस्ट निश्चित रूप से बढ़ जाएगी. चूंकि बिजनेस के विभिन्न क्षेत्रों में कमीशन पेआउट पर कोई सीमा नहीं होगी, इंटरमेडियरी प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूशन के लिए कमीशन के रूप में अधिक भुगतान की मांग कर सकते हैं. इंश्योरेंस कंपनियां बातचीत करेंगी, लेकिन अब मुद्दा यह है कि 9 इंश्योरेंस कंपनियां हैं जो एक संस्थान के साथ गठजोड़ कर सकती हैं.”
कुछ बैंक पार्टनरशिप के लिए मांग सकते हायर कमीशन
अधिकारी ने बताया, “बैंक, जो इंश्योरेंस कंपनियों के प्रमोटर्स या शेयरधारक हैं, वैल्यू क्रिएशन के महत्व को महसूस करेंगे, जो हमेशा कमीशन ट्रेड-ऑफ से काफी अधिक होगा. परिणामस्वरूप, ऐसी इंश्योरेंस कंपनियों पर प्रभाव कम हो सकता है. हालांकि, कुछ अन्य बैंक, जो इंश्योरेंस कंपनियों के प्रमोटर्स या शेयरधारक नहीं हैं, उन इंश्योरेंस कंपनियों से पार्टनरशिप के लिए हायर कमीशन की मांग कर सकते हैं. कुछ इंश्योरेंस कंपनियां उन्हें अधिक भुगतान करने को तैयार होंगी. आगे चलकर लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री इसी तरह आगे बढ़ेगा,”