क्या इस बार महंगे बैंक कर्ज और बढ़ती होमलोन की ईएमआई (Home Loan EMI) से राहत मिलेगी? ये सवाल हर आम आदमी के मन में है, क्योंकि महंगाई दर गिरने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से ब्याज दरों में ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद कम हो गई है. हालांकि, आरबीआई इस पर क्या फैसला लेगा यह बुधवार को पता चल जाएगा. मुंबई में आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (RBI MPC Meeting) की बैठक आज से शुरू हो गई है और 8 फरवरी को मौद्रिक नीति का ऐलान होगा.
एक्सपर्ट का मानना है कि इस बार आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी को नरम रुख अपना सकता है. क्योंकि देश में महंगाई की दर गिरकर केंद्रीय बैंक के अनुमान के अंदर रही है. यूएस फेड रिजर्व समेत यूरोप के सेंट्रल बैंकों ने मॉनेटरी पॉलिसी को लेकर उदार रुख अपनाया है. इससे यह उम्मीद बढ़ गई है कि आरबीआई राहत दे सकता है. आरबीआई की यह बैठक इसलिए भी अहम है कि क्योंकि 1 फरवरी को बजट पेश होने के बाद हो रही है.
अर्थशास्त्रियों ने जताया ये अनुमान
आरबीआई की एमपीसी पॉलिसी को लेकर न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के इकोनॉमिस्ट के बीच कराए गए पोल के अनुसार, केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि कर सकता है और यह बढ़कर 6.50 फीसदी हो जाएगी. ऐसे में बैंकों से मिलने वाला कर्ज थोड़ा महंगा हो जाएगा.
इस पोल के अनुसार, अर्थशास्त्रियों को वित्त वर्ष 2023-24 में रिटेल इंफ्लेशन औसतन 5 फीसदी और 2024-25 में 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. हालांकि, महंगाई दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर घटकर 5.72 फीसदी रह गई, जो एक साल का निचला स्तर है.
रेपो रेट बढ़ा तो महंगा होगा लोन
रेपो रेट बढ़ने से बैंकों के लिए आरबीआई से पैसा लेना महंगा हो जाता है और फिर बैंक ब्याज दरें बढ़ाकर यह बोझ ग्राहकों पर शिफ्ट कर देते हैं. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन समेत सभी तरह के कर्ज महंगे हो जाते हैं. होम लोन की ब्याज दरें बढ़ने से ईएमआई की लागत बढ़ जाती है. फिलहाल होमलोन पर इंटरेस्ट रेट 8.50 फीसदी से ऊपर है.