अगर आपकी आय सालाना सात लाख रुपये से कम आय है तो इनकम टैक्स रिटर्न भरना होगा. इस संबंध में सीए कीर्ति जोशी बताते हैं कि वित्तमंत्री ने आयकर की बेसिक एक्सेम्पशन लिमिट नयी टैक्स व्यवस्था के अंतर्गत यदि कुल आय 3 लाख रुपये तक है, तो रिटर्न फाइल करने की आवश्यकता नहीं होगी और यदि कोई व्यक्ति पुरानी कर व्यवस्था में रिटर्न दाखिल करना चाहता है तो उसके लिए यदि कुल आय 2.5 लाख रुपये तक है तो रिटर्न फाइल करने की आवश्यकता नहीं होगी.
आयकर रिटर्न भरने की लायबिलिटी धारा 139 के अंतर्गत तय होती है और आयकर रिटर्न ऐसे प्रत्येक व्यक्ति को प्रस्तुत करना होता है, जिसकी कुल आय बेसिक एक्सेम्पशन लिमिट से अधिक हो. अतः यदि किसी व्यक्ति की वार्षिक कुल आय यदि 3 लाख से अधिक है तो उसे रिटर्न तो दाखिल करना होगा भले ही उस पर कोई टैक्स न लग रहा हो.
इसी तरह आय सात लाख रुपये से अधिक है तो नयी टैक्स व्यवस्था के अंतर्गत 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई इनकम टैक्स नहीं है, उसके बाद टैक्स लगना चालू हो जायेगा. परन्तु यदि किसी व्यक्ति की कुल आय सात लाख तक है तो इस पर नयी टैक्स व्यवस्था में 25000 रुपये का टैक्स बनता है, लेकिन इस टैक्स को उसे जमा नहीं करना होगा क्योंकि धारा 87A में यदि कुल आय 7 लाख रुपये तक है तो अधिकतम 25000 रुपये टैक्स के टैक्स में छूट दी गयी है.
यदि किसी की कुल आय 7.10 लाख रुपये है तो उस पर नयी व्यवस्था में कुल 26000 का टैक्स बनता है और क्योंकि कुल आय सात लाख रुपये से अधिक है, अतः उन्हें धारा 87A में 25000 रुपये वाली छूट भी नहीं मिलेगी. अतः उन्हें 26000 रुपये टैक्स देना होगा