पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण का मंगलवार को 97 साल की उम्र में निधन हो गया. पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे भूषण ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित अपने घर में शाम करीब 7 बजे अंतिम सांस ली.
शांति भूषण 1977-79 तक तत्कालीन मोरारजी देसाई सरकार में भारत के कानून मंत्री रह चुके हैं. भूषण कांग्रेस (ओ) और बाद में जनता पार्टी के सदस्य रहे. इसके अलावा भाजपा के साथ भी वह छह साल तक जुड़े रहे. अपने राजनीतिक जीवन के दौरान वह राज्यसभा सांसद भी रहे.
भूषण ने एक वकील के रूप में जनहित के कई मुद्दों को उठाया और उनका समर्थन किया. वह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मुखर आवाज और नागरिक स्वतंत्रता के रक्षक थे. उन्होंने वर्ष 1980 में प्रसिद्ध एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन की स्थापना की थी.
शांति भूषण सार्वजनिक महत्व के कई मामलों में पेश होते रहे थे. वर्ष 1974 में उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से जुड़े केस में याचिकाकर्ता राजनारायण का प्रतिनिधित्व किया था. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से अपने खिलाफ फैसला आने के बाद इंदिरा गांधी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
शांति भूषण आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे. मशहूर वकील-एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण उनके बेटे हैं. हालांकि थोड़े ही समय बाद वह आप से अलग हो गए थे.