बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशन देश की सीमा से जुड़ी सड़कों का निर्माण करता है. ये सड़कें उन इलाकों में बनती हैं, जहां पर सड़क बनाना तो दूर सोचना भी मुकिश्ल होता है. इस तरह की रोड को बनाने में बीआरओ कर्मियों कई अन्य तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आती है, लेकिन कर्मयोगियों ने सभी परेशानियों को झेलते हुए निर्माण कार्य पूरा किया. बीआरओ इस समय कौन-कौन से प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है और कौन सी नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन तमाम मुद्दों पर बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टीनेंट जनरल राजीव चौधरी से न्यूज18 हिन्दी के विशेष संवाददाता से बातचीत की, पेश हैं प्रमुख अंश.
सवाल- बीआरओ के गठन और उद्देश क्या हैं?
जवाब- बीआरओ का गठन 7 मई 1960 में हुआ, उस समय केवल दो प्रोजेक्ट बीआरओ के पास थे. आज 11 राज्यों और 3 यूटी में काम चल रहा है है.राजस्थान से लेकर जम्मू कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, पूर्वोत्तर के साथ एक टास्क फोर्स अंडमान निकोबार में काम कर रहा है. बीआरओ ने अभी तक 60000 किमी. सड़कें, 19 हवाई पट्टी और चार टनल बनाई हैं.
सवाल- बीआरओ के पास मौजूदा समय कौन-कौन से खास प्रोजेक्ट हैं?
जवाब- बीआरओ ने दो साल पहले ही अटल टनल का निर्माण किया है. यह विश्व की सबसे लंबी टनल 9.2 किमी है जो 10000 फिट से अधिक ऊंचाई पर है. आज सेला टनल का निर्माण चल रहा है, जो बनने के बाद सबसे लंबी 13 किमी. की बाईलेन टनल होगी, इसके साथ ही अरुणाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में कई टनल बनाई जा रही हैं. आज 11 टनल का निर्माण चल रहा है. 60 साल पहले तक केवल 4 टलन हुआ था . इसके अलावा 9 टनल फाइनल स्टेज पर है. जिसमें असम को अरुणाचल से जोड़ने वाली टलन ब्रह्मत्र नदी के नीचे बन रही है. इसमें तीन ट्यूब होंगे जो विश्व की संबसे लंबी 9.8 किमी रेल रोड टनल होगी. इस तरह की कई और खास टनल का निर्माण किया जा है. 2021 में बीआरओ ने 102 और इससे पूर्व वर्ष में 103 प्रोजेक्ट पर काम किया. दो साल में 205 प्रोजेक्ट का निर्माण किया गया.