थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने 75वें सेना दिवस के अवसर पर बेंगलुरु के गोविंदास्वामी ग्राउंड में आयोजित परेड की सलामी ली और वीरता पुरस्कार प्रदान किया. अपने संबोधन में आर्मी चीफ ने कहा, ‘पहली बार #ArmyDay परेड और इससे जुड़े अन्य कार्यक्रम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बाहर आयोजित किए जा रहे हैं. इसने लोगों को सेना से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर दिया है. मुझे विश्वास है कि इससे हमारे संबंध और भी मजबूत होंगे.’ उन्होंने कहा कि पिछले साल सेना ने सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का दृढ़ता से सामना किया और देश की सीमाओं की सक्रिय और मजबूती से सुरक्षा सुनिश्चित की. भारतीय सेना ने क्षमता विकास, बल पुनर्गठन और प्रशिक्षण में सुधार के लिए कदम उठाए हैं. इसने भविष्य के युद्धों के लिए अपनी तैयारियों को और मजबूत किया है.
हम LAC पर किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार
जनरल मनोज पांडे ने कहा, ‘उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति सामान्य रही है और स्थापित प्रोटोकॉल और मौजूदा तंत्र के माध्यम से शांति बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं. एलएसी पर एक मजबूत रक्षा मोर्चा बनाए रखते हुए, हम किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. कठिन क्षेत्र और खराब मौसम के बावजूद, हमारे बहादुर जवान वहां तैनात हैं. उन्हें सभी प्रकार के हथियार, उपकरण और सुविधाएं पर्याप्त मात्रा में दी जा रही हैं. स्थानीय प्रशासन, अन्य एजेंसियों और सेना के संयुक्त प्रयासों से बुनियादी ढांचे के विकास में सुधार हुआ है.’
सीमा पार से घुसपैठ की हर कोशिश और साजिश हो रही नाकाम
गुजरात और राजस्थान में पाकिस्तान से लगने वाले अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के बारे में बोलते हुए थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने कहा, ‘पश्चिमी सीमावर्ती क्षेत्रों में नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम जारी है और संघर्षविराम उल्लंघनों में कमी आई है. लेकिन सीमा पार अभी भी आतंकी ढांचा बना हुआ है. हमारा घुसपैठ रोधी ग्रिड वहां से होने वाले घुसपैठ के प्रयासों को लगातार नाकाम कर रहा है. जम्मू और पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से हथियारों और ड्रग्स की तस्करी का प्रयास जारी है. ऐसी गतिविधियों के खिलाफ काउंटर-ड्रोन जैमर और अन्य उपकरण उपयोग में लाए गए हैं.’